- 20 किमी। के दायरे में निर्माण के लिए एयरफोर्स से लेनी होगी एनओसी

- बीडीए ने प्रमुख सचिव आवास को दी रिपोर्ट, प्राधिकरणों से मांगा डाटा

<- ख्0 किमी। के दायरे में निर्माण के लिए एयरफोर्स से लेनी होगी एनओसी

- बीडीए ने प्रमुख सचिव आवास को दी रिपोर्ट, प्राधिकरणों से मांगा डाटा

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली में आशियाना का सपना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। क्योंकि त्रिशूल एयरबेस से ख्0 किमी। के दायरे में एक भी ईट रखने के लिए अब एयरपोर्ट अथॉरिटी से परमिशन की बाध्यता हो गयी है। क्0 मई से यह आदेश प्रभावी भी हो गया है। इस फरमान से बरेली विकास प्राधिकरण में हड़कम्प मच गया है। फिलहाल, राहत के लिए अफसरों ने शासन से गुहार लगाते हुए इससे अवैध निर्माण होने की आशंका जाहिर ि1कया है।

कलर्ड मैपिंग बरेली में ही क्यों

एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कलर्ड मैप तैयार किया है, जिसके दायरे में बरेली शहर के अलावा आउट स्क‌र्ट्स भी आ रहा है। बीडीए से भवन नक्शा पास कराने में अभी आमतौर पर एक पखवाड़ा का समय लगता है, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी की परमिशन के नियम से एक नक्शा पास होने में छह माह से भी ज्यादा का समय लगने की संभावना अधिकारी जता रहे हैं। बीडीए उपाध्यक्ष ने प्रमुख सचिव आवास से अपनी चिंता जाहिर की है। उनका तर्क है कि जब प्रदेश के दूसरे शहरों में ख्0 किमी। का नियम नहीं है, तो अकेले बरेली के लिए ही क्यों।

तो होंगे अवैध निर्माण

बीडीए के अफसरों की माने तो ख्0 किमी। के दायरे में किसी निर्माण के लिए नक्शा के लिए जारी नये नियम से अवैध निर्माण करने वालों की तादाद बढ़ेगी। बीडीए वीसी ने बताया कि सिर्फ बीडीए से ही नक्शा पास कराने में करीब क्भ् दिन लगते हैं। एयरफोर्स और उड्डयन मंत्रालय से एनओसी मिलने में करीब म् माह का समय लगेगा। जिसके चलते लोग एनओसी लेने से बचेंगे और अवैध निर्माण करेंगे। फिलहाल आदेशानुसार एयरफोर्स से बीडीए एनओसी ले रहा है। इसमें करीब म् माह का समय लग रहा है। पहले जहां माह में ब्0 नक्शे पास होते थे वह संख्या अब 8 से क्0 हो चुकी है। ऐसे में, बीडीए का खजाना भी नहीं भर रहा है। साथ ही, यह आदेश अवैध निर्माण किए जाने का कारण भी बन रहा है।

कलर्ड मैपिंग जोन में पूरा शहर समा रहा है। भवन निर्माण के लिए उड्डयन मंत्रालय से एनओसी सिर्फ बरेली में लागू की जा रही है। शासन ने मंत्रालय को पत्र लिखकर एनओसी लेने की वजह पूछा है। फिलहाल आदेश को लागू किया जा रहा है।

डॉ। सुरेंद्र कुमार, वीसी, बीडीए