- कुख्यात बदमाश अजय जडेजा पर किए थे उस्तरे से कई वार

- खून से लथपथ अजय जडेजा को उपचार के लिए कराया गया था हॉस्पिटल में भर्ती

- नूर का पिता भी शातिर बदमाश था

Meerut: पुलिस मुठभेड़ में मारा गया नूर इलाही कुख्यात बदमाश था। मेरठ के चार थानों में अब तक नूर इलाही के खिलाफ क्7 मुकदमें कायम है। कंकरखेड़ा थाने का तो नूर हिस्ट्रीशीटर है। थाने में लगे बोर्ड में सबसे ऊपर नाम नूर का ही है। नूर की बदमाशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सलाखों के पीछे रहने के बावजूद उसने जरायम की दुनिया नहीं छोड़ी। कई सनसनीखेज वारदातों को अंजाम देने वाला अजय जडेजा को भी नूर इलाही ने अपना शिकार बना लिया था। क्म् फरवरी ख्0क्ख् को पेशी पर आए अजय जडेजा को सेशन हवालात में नूर इलाही ने अपने साथियों के साथ मिलकर उस्तरे से कई वार किए थे, पैर से लेकर चेहरे तक कई घांव अजय जडेजा के हुए थे।

पिता भी था बड़ा बदमाश

बाप नंबरी बेटा दस नंबरी की कहावत नूर के परिवार पर सटीक बैठती है। मूल रूप से बुलंदशहर के गुलावठी में रहने वाले वारिस का बेटा नूर है। वारिस भी बड़ा बदमाश था। उसने भी बुलंदशहर से लेकर मेरठ में काफी क्राइम किया हुआ है। बुलंदशहर में वारिस पर कई मुकदमें कायम हुए थे, जिसके चलते कंकरखेड़ा के पुरानी गोविंदपुरी पैठ बाजार में नूर अपनी पत्‍‌नी शकीला और बच्चों के साथ रहने लगा था। नूरा के छोटे भाई सलीम की भी हाल में बीमारी के चलते मौत हो गई थी। बाप का असर बेटे नूर में भी आया और जरायम की दुनिया में ऐसा कदम रखा कि हर मोड़ पर लूट, डकैती, हत्या जैसे संगीन मामलों में नाम आता रहा। ख्00भ् में नूरा ने कंकरखेड़ा में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। उसके बाद तो चोरी और लूट के प्रयास के विभिन्न मामले कंकरखेड़ा में अंजाम दिए हैं। वहां पर नूर इलाही पर गैंगस्टर और गुंडा एक्ट भी लगा दिया था। जेल में साढ़े चार साल तक रहने के दौरान नूरा ने कुख्यात अजय जडे़जा पर उस्तरे से हमला कर दिया था। नूर ने डिंपल त्यागी गैंग के साथी सलीम उर्फ गुड्डू निवासी पूर्वा फैय्याज अली, अमजद निवासी सद्दीक नगर के साथ मिलकर उस्तरे से जडेजा पर वार किया था।

मामा के लड़के को भी बनाया शिकार नूर के मामा का लड़का आजाद भी जरायम की दुनिया का बादशाह था। आजाद और नूर में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई, पिछले कुछ समय से आजाद का कोई सुराग नहीं लग सका है। बताया जा रहा है कि नूर ने आजाद का भी कत्ल करा दिया है, लेकिन आजाद की आज तक कोई शव नहीं मिल सका है।