कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डोभाल की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी है और उनकी नियुक्ति शुक्रवार से प्रभावी हो गई है.

नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद डोभाल की दूसरी महत्वपूर्ण नियुक्ति है. इससे पहले नृपेन्द्र मिश्र को प्रधानमंत्री मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था.

1968 बैच के अवकाश प्राप्त आईपीएस अधिकारी डोभाल ख़ुफ़िया जगत में कार्रवाई करने वाले सबसे तेज अधिकारियों में से एक माने जाते हैं.

अनुभवी अफ़सर

साल 1989 में डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए 'आपरेशन ब्लैक थंडर' के तहत पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के दल का नेतृत्व किया था.

इसके अलावा डोभाल 1999 में कंधार ले जाए गए इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अपहरणकर्ताओं के साथ मुख्य वार्ताकार थे.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का मुख्य कार्यकारी होता है और उसका मुख्य काम प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सलाह देना होता है.

वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बनी केसी पंत समिति ने प्रधानमंत्री कार्यालय में तीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त करने का सुझाव दिया था.

इसके तहत आंतरिक सुरक्षा, रक्षा और विदेश मामलों पर सलाहकार नियुक्त करने की बात कही गई थी. लेकिन इस सुझाव पर न तो वाजपेयी सरकार ने अमल किया और न उसके बाद आने वाली मनमोहन सिंह सरकार ने.

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