HARIDWAR: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण मामले में ''आर्ट ऑफ लिविंग'' के प्रणेता एवं आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ मुखर हो गया है। परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने श्रीश्री को संत मानने से इंकार करते हुए सवाल किया कि वे किस अखाड़े से हैं और श्रीराम जन्म भूमि मंदिर निर्माण पर बोलने का अधिकार उन्हें किसने दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि श्रीश्री भड़काव बयान देना तत्काल बंद करें और स्वयं को इस मामले से अलग कर लें।

 

सुप्रीम कोर्ट में विधाराधीन है मामला

वेडनसडे को हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में ही आएगा। कहा कि श्रीश्री न तो किसी अखाड़े से संबद्ध हैं और न सनातन हिंदू परंपरा के संन्यासी ही। उन्हें बताना चाहिए कि वह किस परंपरा और अखाड़े से संबंधित हैं। उन्हें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण पर बोलने को किसने और कब अधिकृत किया। कहा कि अगर इस तरह की बयानबाजी पर रोक नहीं लगाई गई तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इस मामले में सख्त कदम उठाने पर बाध्य होगी। महंत नरेंद्र गिरि ने 16 मार्च के बाद देश-दुनिया में फैले फर्जी संतों पर अहम फैसला लेने की घोषणा की है। बताया जा रहा कि इस बाबत वेडनसडे को निरंजनी अखाड़े में हुई कमरा बंद बैठक में अखाड़ा परिषद से जुड़े संतों ने अहम फैसला ले लिया है। इस संबंध में महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखाड़ों से चर्चा के बाद आम राय बना ली गई है। उन्होंने ऐसे संतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया।