अखिलेश पहुंचे माया के घर बोले, बुआजी प्रणाम

 

- पहली बार सार्वजनिक तौर पर मुलाकात

- जीत ने बढ़ाई सपा-बसपा की नजदीकी

- बाहर आने के बाद अखिलेश ने साधी चुप्पी

 

<अखिलेश पहुंचे माया के घर बोले, बुआजी प्रणाम

 

- पहली बार सार्वजनिक तौर पर मुलाकात

- जीत ने बढ़ाई सपा-बसपा की नजदीकी

- बाहर आने के बाद अखिलेश ने साधी चुप्पी

 

LUCKNOW :

 

LUCKNOW :

 

उपचुनाव में मिली जीत के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के घर जाकर बधाई देने के साथ दोनों दलों के बीच करीब ख्भ् साल से रिश्तों में जमी बर्फ को खत्म कर दिया। बेहद गर्मजोशी संग अखिलेश यादव मायावती के घर पहुंचे तो वह खुद उनको रिसीव करने बाहर आई। जिसके बाद उनको अखिलेश से बुआजी प्रणाम कहा। अखिलेश ने करीब पौन घंटे तक उनके साथ आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा की। ध्यान रहे कि अखिलेश और मायावती की यह पहली सार्वजनिक मुलाकात है। इससे पहले दोनों ने कोई मंच तक साझा करने से परहेज किया। इस दौरान सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद थे। वहीं बाहर आने के बाद अखिलेश ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया।

 

ख्भ् साल में पूरा चंद कदमों का फासला

वर्ष क्99फ् में सपा-बसपा के बीच शुरू हुई रार के बाद दोनों दलों के बड़े नेता एक-दूसरे को नजरअंदाज करते रहे हैं। इस दौरान कई बार सपा और बसपा की सरकारें भी बनी, लेकिन मुलायम और मायावती शपथ ग्रहण समारोह से भी दूरी बनाए रहे। हालांकि अखिलेश ने सपा के कुछ नेताओं की तरह कभी मर्यादा नहीं तोड़ी और हमेशा मायावती को अपनी 'बुआ' ही कहते रहे। बुधवार को उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अखिलेश ने राजनैतिक शिष्टाचार को निभाते हुए मायावती के घर जाकर उन्हें बधाई और धन्यवाद देने का फैसला लिया। इसके बाद उनका काफिला विक्रमादित्य मार्ग से चंद कदमों दूर मॉल एवेन्यू स्थित मायावती के आवास पर पहुंचा। आमतौर पर मायावती के घर के भीतर किसी की गाड़ी नहीं जाती है परंतु अखिलेश की गाड़ी को भीतर आने दिया गया। उनके सुरक्षाकर्मी गाडि़यों के साथ बाहर खड़े रहे।

 

मुलाकात के बाद चुप्पी

करीब 8.फ्भ् बजे मायावती से मिलने के बाद बाहर आए अखिलेश ने सूझबूझ का परिचय देते हुए मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया और सीधे अपने आवास पर चले गये। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने फिलहाल अपनी रणनीति के बारे में कोई भी खुलासा नहीं करने का फैसला लिया है। हालांकि इस मुलाकात से यह साफ हो गया कि सपा-बसपा के बीच हुआ समझौता आगामी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की शक्ल अख्तियार कर सकता है। फिलहाल इस मुलाकात ने यूपी ही नहीं, देश की सियासत में भी खलबली मचा दी है। जल्द ही यूपी में सपा-बसपा को बाकी दलों की ताकत मिलने की यह बड़ी वजह भी बन सकता है।