- मीडिया पर फोड़ा ठीकरा, टीवी पर सबसे ज्यादा दिखाया गया झगड़ा

- सहारनपुर कांड की रिपोर्ट जारी की, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

LUCKNOW :

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज स्वीकार कर लिया कि चुनाव में उनकी हार की एक बड़ी वजह पारिवारिक रार थी। हालांकि उन्होंने इसका ठीकरा भी मीडिया पर यह कहकर फोड़ दिया कि टीवी पर सबसे ज्यादा मेरे घर का झगड़ा दिखाया गया। कहा कि किस परिवार में झगड़ा नहीं होता लेकिन टीवी वालों को मेरा घर ही मिला था। वहीं मुलायम को दोबारा पार्टी की कमान सौंपे जाने पर बोले कि यह सवाल पूछने वाले मेरे, पार्टी के संविधान और चुनाव आयोग के नियमों के बारे में जानते नहीं है। फिलहाल मैं अपनी पार्टी को दोबारा मजबूत करने में जुटा हूं। बोले कि दोस्ती हमेशा ताकतवर से की जाती है लिहाजा भविष्य में चुनावी गठबंधन भी इसी के मुताबिक होंगे।

सहारनपुर कांड पर भाजपा को घेरा

इससे पहले अखिलेश ने सहारनपुर कांड की पार्टी नेताओं की रिपोर्ट पर कहा कि सहारनपुर में जो घटना हुई, वह लोकतंत्र की सबसे खतरनाक तस्वीर है। भाजपा सांसद एसएसपी को हटाना चाहते थे, इसलिए उसके घर में घुसकर तोड़फोड़ की। एसएसपी लव कुमार अच्छे अफसर हैं, गवर्नर के एडीसी भी रह चुके हैं। इसी वजह से उन्हें अच्छे जिले में काम करने का मौका भी मिला था। सुना है कि कुछ लोग उनकी कुर्सी पर भी बैठ गये थे। बिना वर्दी, ट्रेनिंग और परीक्षा के आईपीएस बनना चाहते थे। आरोप लगाया कि भाजपा सांसद कई बार पहले भी वहां माहौल खराब कर चुके हैं। तंज कसा कि एसएसपी को भी नहीं पता था कि अब दूसरे तरीके की सरकार है। कई अफसरों के पास नई सरकार के लोगों की रिकॉर्डिग भी है जिसमें उनकी भाषा और व्यवहार का पता लग रहा है। कहा कि गुंडा पार्टी होने का आरोप तो हम पर लगता था, कई बार तो खुद मुझे भी यह कहा गया। पिछले पांच साल के दौरान इस तरह की कोई घटना हो जाती तो मीडिया में मेरी तस्वीर लगाकर दिखाया जाता। अब किसी की हिम्मत नहीं है कि वह सीएम की फोटो लगाकर खबर चला दे। कहा कि सहारनपुर की घटना सरकार के लिए चुनौती है। कानून अपना काम करेगा तो आरोपी सांसद और विधायक बच नहीं पाएंगे।

लोग दशहत में हैं

अखिलेश ने कहा कि अभी झांसी से कुछ लोग मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों के लाइसेंस का रिनीवल नहीं हो रहा। आज लोग दहशत में है, अपनी परेशानी भी नहीं बता सकते। सहारनपुर की घटना भी इसका ही नतीजा है। भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे अंबेडकर का सपना पूरा करें, शोभा यात्रा ना निकालें। तंज कसा कि भाजपा आसानी से चुनाव जीतना चाहती है इसलिए इस तरह के मुद्दे उठाती है। पूरे चुनाव में उसके नेता जनता को बहकाते रहे। जनता को तो पता ही नहीं है कि उन्होंने किस लिए वोट दिया था।

दिल्ली दूर है, मैं तो नहीं जाता

वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार को लेकर पूछे गये सवाल पर बोले कि दिल्ली तो बहुत दूर है, मैं वहां जाता भी नहीं हूं इसलिए वहां की बात मत कीजिए। ईवीएम की खराबी पर बोले कि चुनाव आयोग केवल हमें ईवीएम की खराबी और उसे ठीक करने का तरीका बता दे। अब हम कहां से विदेश से इंजीनियर बुलाकर लाएंगे। अगर ईवीएम का कैलिब्रेशन खराब हो सकता है तो मशीन भी खराब हो सकती है। हमारे लोग तो अभी भी कह रहे हैं कि मेरा वोट कहां चला गया।

असली परेशानी नेताजी और मेरी तस्वीर से

सपा सरकार की योजनाओं की जांच को लेकर पूछे गये सवाल पर अखिलेश ने कहा कि सबसे ज्यादा लैपटॉप हमारी सरकार ने बांटे थे। उसमें नेताजी और मेरी तस्वीर है जो परेशानी का असली सबब है। अब सुना है कि तस्वीर को भी हटाने की कोशिश की जा रही है। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा जमीनों पर अवैध कब्जे किए जाने पर कहा कि इसकी शिकायत तो हमने खुद आम जनता से मांगी थी। हमारी सरकार दोबारा बनती तो यूपी 100 को एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड से भी जोड़ा जाता।