Varanasi

लास वेगास में म्यूजिक कंसर्ट में लोन वुल्फ अटैक से गोलीबारी करके दर्जनों लोगों की जान लेने की घटना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। खासकर उन देशों को जो आतंकवाद से लड़ रहे हैं। इनमें भारत भी शामिल है। पिछले कई दशक से इस देश के कई शहर आतंकी हमले झेल रहे हैं। अब उन शहरों में लास वेगास तरीके से हमला करके निरीह लोगों की जान ले सकते हैं। इन शहरों में बनारस भी शामिल है। यह कहना है लम्बे अरसे तक आतंकवादियों से लोहा लेने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन का। भीड़ पर भेडि़ये की तरह हमला करने वालों की निगाह हर वक्त इस शहर पर है।

 

बदल दिया तरीका

अता हसनैन का कहना है कि इंटेलिजेंस और फोर्स के जबरदस्त शिकंजे की वजह से आतंकवादी जम्मू-कश्मीर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। वहां भी सेना और पैरामिलिट्री फोर्स स्थानीय पुलिस के सहयोग से लगातार उनका खात्मा कर रही है। इससे आतंकी बौखला गए हैं। अपने वजूद को बचाने और सरकार को डराने के लिए बड़ी वारदात की फिराक में हर वक्त हैं। इसके लिए आतंकी संगठनों की नयी खोज लोन वुल्फ अटैक जिसमें सिर्फ एक आतंकी हमला करके लाशों का ढेर लगा देता है का तरीका अपना सकते हैं। भारत के ऐसे शहरों में वारदात कर सकते हैं जो धार्मिक, राजनैतिक या ऐतिहासिक वजहों से प्रमुख हैं।

 

दुनिया की नजर में बनारस

-आईएसआईएस के आतंकियों द्वारा लोन वुल्फ अटैक का खतरा जिन शहरों में है उनमें बनारस भी शामिल है

-धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण शहर में हर वार त्योहार के रूप में होता है

-तमाम ऐसे अवसर हैं जिन पर लाखों की भीड़ एक जगह इकट्ठा होती है

-देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां से सांसद चुने जाने के बाद राजनीतिक रूप से यह शहर दुनिया की नजर में हैं

-आतंकियों का दुश्मन बनी मोदी सरकार को डराने के लिए बनारस को दहलाना आतंकी संगठनों के लिए मुफीद होगा

-इस वक्त इस शहर की छोटी से छोटी गतिविधि पर दुनिया की मीडिया की नजर है

-कोई वारदात होने की चर्चा अमेरिका के लास वेगास की तरह पूरी दुनिया में होगा

-इंटेलिजेंस के मुताबिक लोन वुल्फ जैसी घटना की खुफिया जानकारी हासिल करना बेहद मुश्किल है

-हमलावर आमतौर पर स्थानीय नागरिक होते हैं और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन से सोशल साइट्स पर सम्पर्क करते हैं

 

खतरा है चौतरफा

 

-बनारस के पड़ोसी जिले आजगमढ़ का खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़ाव सामने आ चुका है

-पिछले डेढ़ दशक में इस शहर में आधा दर्जन आतंकी वारदात हो चुके हैं

-हर वारदात में स्लिपिंग मॉड्यूल ने अहम भूमिका निभायी

-पड़ोसी के चार जिले नक्सल प्रभावित होने की वजह से बनारस पर खतरा हर वक्त रहता है

-आंतकी संगठनों और नक्सलियों का गठजोड़ भी हमले के लिए आसान रास्ता तैयार करता है

 

आसान है शहर में आना

 

बनारस शहर में किसी दहशतगर्द का आना और छुपना बेहद आसान है। इस शहर में तमाम वजहों से देश-दुनिया से हर रोज बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ढेरों शरणस्थली में काफी दिनों तक रहते हैं। इनके बीच दहशतगर्दो को तलाशना आसान नहीं है। नक्सली, नामी-गिरामी बदमाशों के यहां छुपे होने की खबरें आती हैं। इनके बीच कोई वुल्फ भी छिपा हो तो पता नहीं

 

-क्0 लाख पर्यटक हर साल आते हैं इस शहर में

-फ् लाख विदेशी टूरिस्ट आते हैं दुनिया भर से यहां

-7 लाख डोमेस्टिक टूरिस्ट का आना होता है बनारस में

-क्0 हजार लोग हर रोज अलग-अलग वजहों से आते हैं

-फ्00 होटल बन सकते हैं किसी दहशतगर्द के छुपने की जगह

-ख् हजार गेस्ट हाउस, पेइंग गेस्ट हाउस गलियों में हैं मौजूद जहां पुलिस का पहुंचना नहीं आसान

-ख् सौ धर्मशालायें भी जाने-अनजाने बन जाती हैं अपराधियों की शरणस्थली

 

कब-कब हुए आतंकी हमले

 

-मार्च ख्00ख् में बनारस से दिल्ली जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस में ब्लास्ट

-मार्च ख्00म् में संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर बम ब्लास्ट

-नवम्बर ख्007 में कचहरी में दो जगहों पर ब्लास्ट

-दिसम्बर ख्0क्0 में शीतला घाट पर बम धमाका

 

लोहा मानती है सरकार

 

-देश में लोन वुल्फ अटैक की चेतावनी देने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन सुरक्षा मामलों का गंभीर अध्ययन करते हैं

-खासतौर पर यूपी और पूर्वाचल में बढ़ रहे आतंकी खतरे के प्रति सरकार को समय-समय पर रिपोर्ट देकर सचेत करते हैं

-सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में लम्बे समय तक आतंकियों से लोहा लेने की वजह से आतंकी संगठनों के मोडस अपरेंटिस का अच्छी जानकारी रखते हैं

-सरकार के सुरक्षा सलाहकार समिति में रहकर देश को तमाम खतरों से बचाया है

-इंटेलिजेंस एजेंसी के सम्पर्क रखते हुए आतंकी गतिविधि के जानकारी जुटाते हैं और उसे सरकार तक पहुंचाते हैं