-मरीजों को डेंगू होने की फर्जी रिपोर्ट थमाने वाले हॉस्पिटल्स का कैंसिल होगा registration

-सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू से पीडि़त मरीजों की आई है बाढ़

VARANASI

मरीजों को डेंगू होने की फर्जी रिपोर्ट थमाकर चेकअप के नाम पर उनसे वसूली करने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल्स की अब खैर नहीं है। जांच में दोषी पाए जाने पर ऐसे हॉस्पिटल्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। इस समय डिस्ट्रिक्ट सहित पूर्वाचल के जिलों में डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। ऐसे में जिन्हें डेंगू नहीं है उन्हें भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू का मरीज डिक्लेयर कर दिया जा रहा है। मरीजों में डेंगू के लक्षण बताकर चेकअप के नाम पर उनसे वसूली भी की जा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में एडमिट होने वाले पेशेंट्स में से कुछ मरीजों के मामलों में ये बात सामने आई है। डेंगू का लक्षण नहीं होने के बाद भी इन मरीजों को डेंगू होने का रिपोर्ट थमा दिया गया। सीएमओ ने ऐसे प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर रोक लगाने के लिए उनका रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसिल करने का फरमान जारी कर दिया है।

एजेंट लाते हैं पेशेंट

अगस्त-सितंबर माह में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। वायरल फीवर, मलेरिया के कारण मरीजों की हालत खराब होने लगती है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स की लचर चिकित्सा व्यवस्था को समझ चुके लोग यहां पहुंचने से कतराते हैं। ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल ही एकमात्र उनके लिए ऑप्शन होता है। वैसे भी प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओर से एजेंट भी छोड़े गये हैं जो रूरल एरिया में भोले-भाले मरीजों को बेहतर इलाज का सब्जबाग दिखाकर हॉस्पिटल्स में एडमिट कराते हैं। कम पढ़े लिखे मरीजों को अपने मोहपाश में फांस कर उनसे धन उगाही करते हैं। इसके एवज में एजेंट को कमीशन या महंगा गिफ्ट भी दिया जाता है। मंडलीय में मिला डेंगू का मरीज

वहीं एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में सोमवार को डेंगू लक्षण की एक पेशेंट को एडमिट किया गया है। लहरतारा निवासी नम्रता वर्मा फ्0 वर्ष में डेंगू के लक्षण मिले हैं।

हाईवे किनारे कई हॉस्पिटल्स

डिस्ट्रिक्ट के अंदर प्राइवेट हॉस्पिटल्स की बाढ़ तो है ही। इसके अलावा एनएच-ख् किनारे प्राइवेट हॉस्पिटल्स भी तेजी से खुल रहे हैं। जहां बिहार के अलावा चंदौली, मिर्जापुर, चुनार, सोनभद्र तक के पेशेंट चेकअप के लिए पहुंचते हैं। सबसे अधिक बिहार के कम पढ़े लिखे मरीजों पर फोकस किया जाता है। इन हॉस्पिटल्स में कंडीशन ऐसी है कि मरीज को बंधक तक बना लिया जाता है।

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में कराएं चेकअप

-डेंगू के मरीजों के अलावा भी अन्य बीमारियों से घिरे मरीजों को गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में बहुत सी सुविधाएं दी जा रही हैं।

-मंडलीय हॉस्पिटल व दीनदयाल जिला अस्पताल में डेंगू के पेशेंट्स के लिए अलग से वॉर्ड बनाया जाता है।

-डेंगू मरीजों के लिए स्पेशल किट की रहती है व्यवस्था।

यदि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डेंगू रोग की फर्जी रिपोर्ट मिली तो उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। कम्पलेन मिलने पर जांच रिपोर्ट मंगाकर कार्रवाई की जाएगी।

सीएमओ

डॉ। वीबी सिंह

डेंगू के सामान्य लक्षण

-बुखार होना, शरीर में दर्द और सिर दर्द होना।

-पेट दर्द, उल्टी और भूख न लगना।

-पेट में और शरीर में सूजन।

-उल्टी होना या दस्त में खून आना।

-शरीर पर लाल निशान या चकत्ते पड़ना।

-सांस लेने में तकलीफ होना।

बचाव

-अपने आसपास सफाई का ध्यान रखें, साफ सुथरी जगह पर मक्खी-मच्छर कम पनपते हैं और बीमारियां कम फैलती हैं।

-कूलर का पानी सप्ताह में बदल दें।

-नालियों की सफाई कराएं और गड्ढे़ आदि भरवाएं

-जल निकासी संभव न हो तो उसमें कीटनाशक दवा या केरोसिन का तेल डालें।

-घर में या आसपास पड़े बर्तन, मटके, डब्बे, गमले, टायर आदि में पानी एकत्रित नहीं होने दें।

-अधिक मच्छर वाले प्लेसेज पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें।

-सोते समय मच्छरदानी का यूज करें।

-बरसात के दिनों में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े जैसे पूरी बांह का शर्ट, कुर्ता-पायजामा पहनें

इलाज

-डेंगू फीवर का कोई सुनिश्चित इलाज नहीं है, हालांकि इसका उपचार लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

-बुखार उतारने के लिए पैरासिटामॉल का यूज करें।

-रोगी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ जैसे पानी, ओआरएस का घोल, नींबू पानी, लस्सी, दूध आदि दें

-हल्का खाना दें, पीडि़त व्यक्ति को फलों का सेवन ज्यादा करना चाहिए