-पटना के कई बैंकों में 5 साल से नहीं हुई ट्रेंड गार्ड की बहाली

क्कन्ञ्जहृन्: अगर आप बैंकों में पैसा जमा कर चैन की नींद सो रहे तो जाग जाइए क्योंकि बैंकों में आपका पैसा सुरक्षित नहीं है। इसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में हुआ है। डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने पटना के बैंकों की सुरक्षा को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि पटना के एसबीआई, अलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया सहित कई ऐसे बैंक है जहां पर पिछले कई सालों से गार्ड की बहाली ही नहीं की गई है। कम गार्ड के सहारे बैंक किसी तरह काम चला रहे है। कुछ बैंकों ने तो इसकी भरपाई करने के लिए प्राइवेट गार्ड की बहाली कर ली है जो कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।

नियम तोड़कर रखे जाते हैं प्राइवेट गार्ड

गाइडलाइन्स के मुताबिक बैंक में पूर्व आर्मी मैन को ही पूरी पड़ताल के बाद बहाल किया जाना है लेकिन छानबीन में पता चला है कि एसके नगर स्थित एसबीआई में नियमों को ताक पर रखकर गैर आर्मी मैन की बहाली की गई है। जो सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक हैं। इस तरह से बहाल किए गए गार्ड के पास बदमाशों से लड़ने के लिए कोई प्रशिक्षण नहीं होता है। जिसका फायदा कोई भी उठा सकता है।

एसबीआई में नहीं जाते पुलिस पदाधिकारी

जानकारी के मुताबिक थाना के अधीन आने वाले बैंकों में रोज नियमित रूप से संबंधित थाना के अधिकारी को जाकर सुरक्षा की जांच करनी होती है। इसके साथ ही बैंक के रजिस्टर पर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करानी होती है लेकिन पत्रकार नगर थाना स्थित पंजाब नेशनल बैंक में जब हमारी टीम ने छानबीन की तो पता चला कि पुलिस अधिकारी नियमित रूप से बैंकों में नहीं जाते है। महीने में एक बार या 15 दिन में 1 आकर महज अपनी खानापूर्ति कर लेते हैं।

पुराने हथियारों के भरोसे बैंकों की सुरक्षा

पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है कि सुरक्षा में लगाए गए सुरक्षा गार्ड के हथियार पुराने हो चुके हैं या तो दम तोड़ चुके है। बैंकों में भर्ती किए गए किसी प्राइवेट गार्ड के पास जुगाड़ वाली ही बंदूक होती है जो किसी काम की नहीं होते इस तरह की बंदूक या तो बिलकुल ही पुरानी होती है नहीं तो सेकेंड हैंड होती है। जो की सुरक्षा के लिए काफी खतरनाक है। एक सुरक्षा गार्ड से लिए जा रहे हैं कई काम बैंक में तैनात किए गए सुरक्षा गार्ड से कई तरह का काम लिया जाता है। कई बार उसे कैश वैन के भेज दिया जाता है तो कई बार बैंक में ही स्थित एटीएम की देखरेख में लगा दिया जाता है। कुछ जगहों पर तो गार्ड से ऑफिस ब्वॉय का काम भी लिया जाता है।

यह सही है कि पिछले सालों से कुछ बैंको में गार्ड की बहाली नहीं की गई है। जिससे कुछ परेशानी हो रही है। बैंक के आला अधिकारियों को इस ओर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखूंगा।

-संजय तिवारी,

नेता, बैंक यूनियन