मामले की जांच कर रही जार्ज टाउन पुलिस नहीं कर सकी आरोप साबित

पेश किए गए कुल पन्द्रह गवाह, 17 सित6बर को हुई थी हत्या

ALLAHABAD: शहर के बहुचर्चित अलका पाण्डेय हत्याकांड के स5ाी आरोपी दोषमुक्त कर दिए गए हैं। मामले की जांच करने वाली पुलिस आरोप को साबित नहीं कर पाई। अलका का अपहरण कर रायबरेली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के बार्डर पर जलाकर हत्या की गई थी। मामले में थाना जार्ज टाउन में थाना धूमनगंज के उमरी निवासी आशिक उर्फ मल्ली, सूफियान तथा शाहगंज थाना क्षेत्र के गढ़ी सराय मोहल्ला निवासी मो। अहमद नियाजी को आरोपित किया गया।

टाइल्स दे2ाने के लिए निकलीं

अ5िायोजन के अनुसार थाना जार्ज टाउन में फौजी जगद6बा प्रसाद पाण्डेय ने 17 सित6बर 2011 को तहरीर दी कि पत्‍‌नी अलका पाण्डेय कार से टाइल्स दे2ाने के लिए घर से निकली थीं। इस दौरान उसका अपरण कर राबरेली के लालगंज क्षेत्र के पास जिंदा जलाकर मार डाला गया। हत्याकांड में आशिक उर्फ मल्ली पर हत्या का आरोप लगा था। लाश की पहचान सलवार के बचे हुए मोहरी से की गई थी। फोटो 5ाी दे2ाी। विवेचना एसओ पुत्तू लाल प्र5ाकर ने शुरू की और लाश का पोस्मार्टम कराया। डीएनए टेस्ट कराया गया। जिला कोर्ट में थाना जार्ज टाउन की पुलिस की ओर से प्रेषित आरोप पत्र के आधार पर तत्कालीन मु2य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रसंज्ञान लेने के उपरांत दो जनवरी 2012 को विचारण के लिए सेशन न्यायालय में सिपुर्द किया। अ5िायोजन के गवाहों को गवाही के लिए बुलाया गया।

न्यायालय में साबित नहीं हुए आरोप

अ5िायोजन की ओर से पन्द्रह गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानात का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने निष्कर्ष में पाया कि अलका पाण्डेय के शरीर में आग लगने व मो। अहमद नियाजी की स्कार्पियों कार को छिपाने के अपराध संबंधी कड़ी जुड़ नहीं रही है। अ5िायुक्तों के विरूद्ध अ5िायोजन द्वारा लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए। ऐसी दशा में साक्ष्य के अ5ाव में दोषमुक्त किया जाना उचित एवं न्याय संगत है। फैसले के बाद 44 पेज में अंकित निर्णय पत्रावली दा2िाल द3तर की गयी।