- एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में झंडे गाड़ने के लिए पांच घंटे पसीना बहा रही है गोडर्न गर्ल

- संन्यास लेने के बाद पहली चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए बेताब है अलका

- एशियन गेम्स और कामनवेल्थ में तिरंगा लहराना है मकसद

- कहा देश की झोली में पदक डालने के लिए फिर आई हूं मैदान में

Meerut: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेसलरों में शुमार अलका तोमर फिर से तिरंगा लहराने के लिए बेताब है। जल्द ही होने वाले एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अलका तैयारियों में जुट गई है। दिन में पांच घंटे पसीना बहाकर बुलंदियों के झंडे गाड़ने की तैयारियों में है। अलका के दांव देखने के लिए भी लोगों को बेसब्री से इंतजार है।

दमदार वापसी करेंगी अलका

अलका तोमर फिर दमदार वापसी करेंगी। उन्होंने कहा कि संन्यास लेने के बाद वे पहली बार एशियन और कामनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि एक बार फिर पदक जीतकर देशवासियों को खुशी देना चाहती हूं। उन्होंने बताया कि इसके लिए वे सुबह-शाम पांच घंटे रुस्तम-ए-जमां दारा सिंह कुश्ती हाल में प्रैक्ट्रिस कर रही हैं।

ट्रायल पर फोकस

एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए ट्रायल के आधार पर पहलवानों का सेलेक्शन होगा। इसलिए अलका का पूरा फोकस ट्रायल पर भी है। उन्होंने कहा कि ये मेरा कोई पहला ट्रायल नहीं है, मैं अब से पहले भी बहुत ट्रायल दे चुकी हूं, लेकिन मेरा ट्रायल पर पूरा फोकस है, ट्रायल में अच्छे नंबरों के साथ रिंग पर उतरना चाहती हूं।

ओलंपिक है अलका का लक्ष्य

अलका तोमर का लक्ष्य ओलंपिक गेम है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी खेलों में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदकों की बौछार की है, लेकिन अभी ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना अधूरा है। अगले ओलंपिक में मेहनत के साथ अलका ने इस सपने को भी साकार कर देश को गौरव महसूस करने की बात कही है।

अलका तोमर ने जीत लिया था दिल

यूं तो अलका तोमर ने एशियन गेम्स, व‌र्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में मेडल का ढेर लगाया। सबसे बड़ी खुशी उन्होंने मेरठ को सन् ख्0क्0 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल देकर दी थी।

क्या कहते हैं अलका के कोच

अलका ने ओलंपिक को छोड़कर दुनिया के सभी खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाकर देश की झोली में पदक डाला है। संन्यास लेने के बाद फिर अलका ने देश की सेवा करने के लिए रिंग पर उतरने का निर्णय लिया था। अब होने वाले एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने के लिए ट्रायल में हिस्सा लेगी।

जबर सिंह सोम

कोच