नहीं हो पाई सहमति

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बुधवार को कामकाज थम सकता है. बैंक कर्मचारी संघों ने वेतन बढ़ाने सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. बैंक कर्मचारियों की यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के संयोजक सीएच वेंकटचलम ने बताया कि मुख्य श्रमायुक्त के समक्ष यूनियनों और बैंक मालिकों के संगठन 'भारतीय बैंक संघ'(आईबीए) की सोमवार को हुई सुलह समाधान बैठक में सहमति नहीं बनी.

कामकाज प्रभावित

बैंक प्रबंधन ने कर्मचारी संघों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुए ग्राहकों को पहले ही संभावित असुविधा से अवगत करा दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों ने ग्राहकों को जारी संदेश में कहा है कि कर्मचारियों को एक वर्ग बुधवार को प्रस्तावित हड़ताल में भाग ले सकता है, जिससे बैंक शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज प्रभावित हो सकता है.

पांच प्रतिशत की होगी वृद्धि

बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रीय संगठन 'एनओबीडब्ल्यू' महासचिव अश्रि्वनी राणा ने कहा है कि भारतीय बैंक संघ ने यूएफबीयू के साथ वेतन संशोधन मुद्दे पर 14 दिसंबर को विचार विमर्श किया. काफी विचार विमर्श के बाद आईबीए ने कहा कि वह वेतन खर्च में पांच प्रतिशत वृद्धि की पेशकश कर सकते हैं.

आठ लाख कर्मचारी हड़ताल पर

आईबीए की तरफ से वेतन वृद्धि की जो पेशकश की गई है वह काफी कम है और कर्मचारी संघों को स्वीकार्य नहीं है. इसलिए हड़ताल पर जाने का कार्यक्रम यथावत रहेगा. बैंक कर्मचारियों का वेतन संशोधन नवंबर 2012 से लंबित है. यूएफबीयू देशभर में बैंक कर्मचारियों और अधिकारी संघों का संयुक्त मोर्चे हैं. देशभर में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं जिनमें करीब 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं.

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