एक्सक्लूसिव

-पहली बार काउंसिल जूनियर क्लासेस के लिए इंट्रोड्यूज करने जा रही सिलेबस, नेक्स्ट सेशन से होगा लागू

-प्री-क्लासेस के बच्चों का बैग हल्का करने और होम वर्क से फ्री करने की भी हो रही तैयारी

- एजूकेशन एक्सप‌र्ट्स और स्कूल प्रिंसिपल के साथ मीटिंग कर तैयार किया जा रहा है सिलेबस

- स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक, स्कूल या शहर बदलने पर बच्चों को नही होगी कोई प्रॉब्लम

KANPUR: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सार्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के पहली बार जूनियर क्लासेस के लिए सिलेबस इंट्रोड्यूज करने जा रही है। यह सिलेबस काउंसिल के देश भर के स्कूलों में नए साल से लागू होगा। इसके लिए काउंसिल लगातर एजूकेशन एक्प‌र्ट्स और स्कूलों के प्रिंसिपल से मीटिंग कर उनकी सलाह भी ले रहा है। सिलेबस लागू होने से बोर्ड के स्कूलों में सिमिलरटी आएगी और स्कूल या शहर बदलने पर स्टूडेंट्स को कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी।

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अपना स्कूल- अपना सिलेबस नहीं चलेगा

मौजूदा सिस्टम की बात करें तो काउंसिल के स्कूल अपने मुताबिक, सिलेबस तय करते हैं और उसे चलाते हैं। अलग-अलग स्कूलों में अपना-अपना सिलेबस पढ़ाया जा रहा है। किसी स्कूल कोई चीज क्लास फिफ्थ में पढ़ाई जा रही है तो वही चीज दूसरे स्कूल में क्लास थर्ड या क्लास सिक्स्थ में पढ़ाई जा रही है। ऐसे में जब बच्चा 9वीं क्लास में पहुंचता है तो उसे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए काउंसिल ने जूनियर क्लासेस में सिलेबस इंट्रोड्यूज करने का फैसला किया है। स्टेप बाई स्टेप नया सिलेबस लागू किया जाएगा।

ताकि बच्चों का बोझ कम हो

प्री क्लास के बच्चों पर भारी बैग का बोझ न पड़े, काउंसिल ने इस बात का भी ध्यान रखा है। नए सिलेबस के मुताबिक, स्टूडेंट के बैग में सिर्फ पानी की बोतल, लंच बाक्स और चंद जरूरी बुक्स होंगी। प्री क्लास के बच्चों को होमवर्क से फ्री रखने की भी कवायद की जा रही है। काउंसिल इस तरह का प्रयास कर रही है कि बच्चों का ओवर ऑल डेवलपमेंट हो।

ख्फ्00 स्कूलों में होगा लागू

सीआईएससीई के देश भर में करीब ख्फ्00 स्कूल चल रहे हैं। इनमें अकेले यूपी में ही भ्00 स्कूल हैं। कानपुर सिटी में करीब ब्8 स्कूल काउंसिल के चल रहे हैं। हडर्ड हाईस्कूल के प्रिंसिपल केवी विंसेंट ने बताया कि अहम बात यह है कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट के साथ-साथ स्कूल प्रिंसिपल से भी इस मामले पर राय ली जा रही है।

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काउंसिल ने यह बहुत ही अच्छी पहल की है। अब स्कूल बच्चों पर पेरेंट्स पर प्रेशर नहीं बना पाएंगे। एक निर्धारित सिलेबस ही उन्हें बच्चों को पढ़ाना होगा। इससे पेरेंट्स की टेंशन भी खत्म हो जाएगी

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बोर्ड को यह कदम काफी पहले उठाना चाहिए। सभी स्कूल अपनी मनमानी करते हैं। मेरे हसबैंड का ट्रांसफर हुआ तो यहां बच्चे का एडमिशन कराना पड़ा। पता चला पिछली क्लास में मेरा बच्चा जो पढ़ चुका था, वही फिर पढ़ाया जा रहा था।

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एक समान सिलेबस लागू होने से आप कभी भी बच्चे का स्कूल बदल सकते हैं कोई प्राब्लम नही आएगी। पूरे देश में एक ही सिलेबस पढ़ाया जाएगा। सीआईएससीई की यह शानदार पहल है। सभी को इसका वेलकम करना चाहिए।

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कई स्कूलों में तो पढ़ाई के नाम पर इतना प्रेशर बनाया जाता है कि पूछो मत। बच्चे की उम्र और समझने की शक्ति से ज्यादा उसे पढ़ाया जाता है। इससे बच्चों की हेल्थ और दिमाग पर असर पड़ता है। एक सिलेबस लागू होने से यह समस्या खत्म हो जाएगी।

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