हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव का कार्यक्रम हुआ घोषित

अर्हता बदलने से विभिन्न पदों के लिए महीनो से तैयारी करने वाले नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

न सीनियारिटी का ड्यूरेशन चेंज किया गया है और न ही जमानत की राशि बढ़ाई गयी है। इसके बाद भी चुनाव की तैयारी करने वाले तमाम प्रत्याशियाें के सामने संकट खड़ा हो गया है। ज्यादातर रेस शुरू होने से पहले ही दौड़ से बाहर हो गए हैं। कारण है नियम में किया गया एक बड़ा बदलाव। यह स्थिति इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव में। गुरुवार को चीफ रिटर्निग ऑफिसर ने चुनाव का विस्तृत प्रोग्राम जारी कर दिया। नामांकन प्रक्रिया शनिवार 25 नवंबर से शुरू हो जाएगी और यह करीब 20 दिन में यानी 15 दिसंबर को पूरा होगी।

प्रत्याशियों के लिए संकट

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में पहली बार लागू किया गया है वन बार वन वोट का फॉर्मूला

पहले प्रत्याशियों की सिनियारिटी बार कौंसिल उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के डेट से तय होती थी

इस बार इसकी गणना हाई कोर्ट बार एसोसिएशन का सदस्य बनने की तिथि से की जाएगी

यानी 20 साल पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले अधिवक्ता ने यदि हाई कोर्ट बार में दो साल पहले रजिस्ट्रेशन कराया है तो उसकी सिनियारिटी सिर्फ दो साल की मानी जाएगी और वह सदस्य का भी चुनाव नहीं लड़ सकेगा

प्योरली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता ही बन सकेंगे बार के पदाधिकारी

चुनाव का निर्धारित प्रोग्राम

25 नवंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा

27 से 29 नवंबर तक नामांकन व सिक्योरिटी डिपाजिट किया जा सकेगा

नामांकन फार्म 100 रुपये जमा कर प्राप्त किये जायेंगे

30 नवंबर की शाम चार बजे तक नाम वापसी होगी

01 दिसम्बर को नामांकन पत्रों की जांच होगी

4 दिसंबर को प्रत्याशियों की सूची का प्रकाशन होगा

14 दिसंबर को 10 बजे से 5 बजे तक मतदान होगा।

15 दिसंबर को मतों की गिनती के बाद रिजल्ट जारी किया जाएगा

प्रत्याशियों की योग्यता व प्रतिभूति

बार के अध्यक्ष पद के लिए 20 वर्ष की सदस्यता व 50 हजार रुपये

वरिष्ठ उपाध्यक्ष के लिए 20 वर्ष की सदस्यता व 25 हजार रुपये

उपाध्यक्ष के 5 पदों के लिए 10 वर्ष की सदस्यता व 20 हजार रुपये

महासचिव के लिए 15 वर्ष की सदस्यता व 35 हजार रुपये

कोषाध्यक्ष 10 वर्ष की सदस्यता व 10 हजार रुपये

संयुक्त सचिव 3 पदों पर 5 साल की सदस्यता व 10 हजार रुपये

संयुक्त सचिव (महिला) 5 वर्ष की सदस्यता व 10 हजार रुपये

15 गवर्निग काउंसिल सदस्यों के लिए 3 वर्ष की सदस्यता व 5 हजार रुपये