ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल जिले की पुलिस को निर्देशित किया है कि वह जीजा के घर गई साली को उसके कब्जे से मुक्त कराकर पांच जुलाई को किया अदालत में प्रस्तुत करें।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता ने पीडि़ता के पिता की बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनकर दिया। याची के अधिवक्ता दिनेश राय ने बताया कि पीडि़ता की बड़ी बहन की शादी संभल जिले में मनोज के साथ हुई थी। शादी के बाद पीडि़ता की बड़ी बहन को सन्तान हुई तो ससुराल वालों ने उसकी देखभाल के लिए पीडि़ता को संभल बुला लिया। 17 फरवरी 2016 को जब पीडि़ता की मां उसे लेने गई तो ससुराल वालों ने बताया कि वह अपनी मर्जी से कहीं चली गई है। 10 मई को पीडि़ता के बहनोई ने फोन पर बताया कि उसकी बेटी वापस आ गई है। आरोप लगाया गया है कि पीडि़ता की मां अपनी छोटी बेटी को लेकर संभल से वापस आ रही थी तो उसके दामाद और उसके छोटे भाई ने रास्ते से उसकी छोटी बेटी को अगवा कर लिया। यह भी कहा कि पुलिस ने उसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की। आशंका जताई गई है कि कहीं उसे बेच न दिया जाए। न्यायालय ने सीजेएम संभल के जरिये वारंट तामील कराकर पीडि़ता को पांच जुलाई को अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है।