स्नातक कोर्स में प्रवेश की अवधि बढ़ाने से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किया इंकार

अल्पसंख्यक कॉलेज एसोसिएशन की याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयुष स्नातक कोर्ट में प्रवेश की तय समय सारिणी में ढील देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट द्वारा तय समय सारिणी अनुच्छेद 141 के अन्तर्गत देश का कानून है जिसमें किसी को भी बदलाव करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यूनानी एवं आयुर्वेदिक अल्पसंख्यक कॉलेज एसोसिएशन द्वारा प्रवेश के लिए समय बढ़ाये जाने की मांग अस्वीकार कर दी है। और याचिका खारिज कर दी है।

काम न आया सीटें खाली होने का हवाला

यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा जस्टिस एसडी सिंह की खण्डपीठ ने दिया है। याचिका अधिवक्ता राहुल अग्रवाल व भारत सरकार के सहायक सॉलीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने बहस की। मालूम हो कि आयुष स्नातक कोर्स 2007-18 सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा आयोजित की। 8 नवंबर 17 अन्तिम तिथि तय की गयी। भारी संख्या में सीटें खाली रह जाने के कारण 50 फीसदी के बजाय 30 फीसदी अंक पाने वाले छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी गयी। आयुष मंत्रालय की अनुमति लेकर 29 नवंबर 17 तक प्रवेश लेने की तिथि तय की गयी। याची संस्था का कहना था कि प्रवेश लेने के लिए पर्याप्त समय न मिल पाने के कारण प्रवेश नहीं हो पाया है। भारी संख्या में सीटें खाली रह गयी है। ऐसे में प्रवेश की समय सीमा बढ़ायी जाय। कोर्ट ने याची एसोसिएशन की मांग को सुप्रीम कोर्ट के तय समयावधि के वितरित होने के कारण अस्वीकार कर दिया।