बजट जारी होने के बाद भी काम शुरू न होने को हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

अगले वर्ष लगने जा रहे अ‌र्द्धकुंभ मेले के कामों की मानिटरिंग इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा। कोर्ट ने यह फैसला बजट जारी होने के बाद भी मौके पर काम शुरू नहीं होने को संज्ञान लेते हुए किया है। एक पीआईएल पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रत्येक छह सप्ताह में काम की समीक्षा करके रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। याचिका पर सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

सीएम ने रख दी है आधारशिला

प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री ने करोड़ों का बजट अवमुक्त कर अर्धकुंभ मेला के सभी कार्यो की आधारशिला रख दी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह जनहित याचिका की अगली सुनवाई पर देखेगी की 6 सप्ताह पर मेले की तैयारी को लेकर कितना काम हुआ। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने श्रीकांत त्रिपाठी की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची भी अगली तिथि पर अर्धकुंभ मेले की सही तैयारियां व इसके इसके सकुशल सम्पन्न होने को लेकर अपनी राय दे सकता है। याची के अधिवक्ता एके पाण्डेय व रामानंद पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि अर्धकुंभ मेला अगले वर्ष सम्पन्न होना है। सरकार ने इसके लिए करोड़ों का बजट आवंटित किया किया है। अभी तक कोई भी काम मौके पर शुरू नहीं हुआ है। प्रशासन ऐन मौके पर जल्दी जल्दी काम कर खानापूर्ति करना चाहता है।