इलाहाबाद से नाबालिग के अपहरण मामले में हाईकोर्ट सख्त

हाईकोर्ट ने एक बार फिर इलाहाबाद पुलिस की कार्यशैली पर सख्त रुख अपनाया है। धूमनगंज व खुल्दाबाद थाने की पुलिस अपहृत लड़की को बरामद करने में सफल नहीं हो सकी है। जस्टिस विपिन सिन्हा व जेजे मुनीर की खंडपीठ ने पीडि़ता वसीम फातिमा को एक थाने से दूसरे थाने दौड़ाने तथा पागल बनाकर भगा देने के उसके बयान को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने आइजी कानून व्यवस्था उप्र को निर्देश दिया है कि वह तीन दिन इन दोनों थानों में कैंप करें और आम आदमी की शिकायतों को स्वीकार कर जनवरी 2015 से लेकर अब तक लापता बच्चों जिनकी शिकायत दर्ज नहीं हुई है और जिनकी शिकायत दर्ज हुई, की विवेचना प्रगति की रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में 14 दिसंबर को पेश करें।

कोर्ट का सख्त रुख

डीजीपी खुद करें मामले की निगरानी

आईजी 7 दिसंबर को धूमनगंज व आठ दिसंबर को खुल्दाबाद थाने में कैंप करें

लोगों को इसकी सूचना मीडिया व अन्य समाचार माध्यमों से दी जाए, ताकि लोग सीधे आइजी से अपनी शिकायत कर सकें।

एसएसपी इलाहाबाद भी आइजी के साथ थाने में मौजूद रहकर मदद करें

आइजी दोनों थानों की पुलिस के खिलाफ शिकायतों पर भी अपनी रिपोर्ट देंगे

पीडि़त तीसरे दिन आइजी को अपनी शिकायतें दें और किसी को भी शिकायत करने से रोका न जाए

एसएसपी इलाहाबाद को अपहृत लड़की को खोजने का हर संभव प्रयास करें

14 दिसंबर को लड़की बरामद कर पेश करें

इस मामले के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए

14 दिसंबर को एसएसपी इलाहाबाद, एसपी सिटी, धूमनगंज व खुल्दाबाद के थाना इंचार्ज कोर्ट में हाजिर रहें

बनाया जा रहा अपराधी

याचिका में आरोप लगाया गया है कि नाबाच्लग बच्चों का अपहरण कर जरायम पेशे में धकेल दिया जाता है

पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं करती और दबाव में प्राथमिकी दर्ज भी करती है तो ठीक से उसकी विवेचना नहीं करती