एक सवाल का उत्तर गलत, हाई कोर्ट ने सभी छात्रों को सही उत्तर पर अंक देने का दिया निर्देश

याचिका दाखिल करने वाले को पांच अंक के साथ एक हजार रुपए लौटाने का आदेश

नीट परीक्षा की मेरिट एक बार फिर बदलेगी। इसका कारण होगा हाई कोर्ट इलाहाबाद का एक फैसला। कोर्ट ने गुरुवार को मेडिकल स्नातक प्रवेश परीक्षा नीट का एक सवाल का गलत उत्तर होने के आधार पर सीबीएससी बोर्ड को सभी छात्रों को प्रश्न संख्या 172 का नये सिरे से सही अंक प्रदान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को प्रश्न का 4 अंक व माइनस मार्किंग का एक अंक कुल 5 अंक देने तथा फीस का एक हजार रुपये वापस करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से नीट परीक्षा परिणाम की मेरिट में भारी बदलाव आ सकता है। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल तथा अशोक कुमार की खंडपीठ ने सौमित्र गिगोडिया की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट में पेश साक्ष्य व निर्देश

नीट परीक्षा के वाई सीरीज का प्रश्न 172 का विकल्प उत्तर बोर्ड ने गलत दिया है

याची के अनुसार सही विकल्प उत्तर डी है

कोर्ट ने बोर्ड के विशेषज्ञ टीम की राय ली तो बोर्ड ने बताया कि उत्तर विकल्प बी व डी सही है

कोर्ट ने बोर्ड के तर्क को नहीं माना और कहा कि तीन उत्तर विकल्प गलत है

केवल एक ही विकल्प उत्तर सही है

कोर्ट ने कहा, यह बोर्ड का दायित्व है कि वह सही उत्तर विकल्प दे

एक गलत उत्तर से कइयों के भाग्य बदल सकते हैं। क्योंकि गलत उत्तर पर माइनस मार्किंग है

इससे सही उत्तर देने वाले का एक अंक कट जायेगा और गलत उत्तर देने वाले को 4 अंक मिल जायेंगे

इससे मेरिट प्रभावित होगी। परिणाम पर असर पड़ेगा

बोर्ड सही उत्तर विकल्प भरने वाले सभी छात्रों को अंक प्रदान करें।