इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई कर्मचारी किसी वजह से निर्धारित पद कार्य के लिए अक्षम हो जाता है तो विभाग कम वेतनमान पर दूसरी सेवा में नहीं रख सकता। कर्मचारी को उसी वेतनमान पर दूसरे पद पर रखा जा सकता है। कोर्ट ने रैंक से छोटे पद पर कार्य देकर कम वेतन देने पर रेलवे पर 50 हजार हर्जाना लगाया है तथा कर्मचारी को उसके मूल वेतनमान के साथ समान पद पर तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही बकाया वेतन 7 फीसदी ब्याज के साथ एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है।

 

केन्द्र सरकार की याचिका खारिज

यह आदेश जस्टिस भारती सप्रू तथा जस्टिस सिद्धार्थ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार की याचिका को खारिज करते हुए दिया था। केंद्रीय प्रशासनिक न्ययाधिकरण ने एसक्यू अहमद रेलवे कर्मचारी को राहत देते हुए कहा था कि कम वेतनमान पर नियुक्ति गलत है। उसे पद के समान वेतन पर दूसरे विभाग में रखा जाय। इस आदेश को चुनौती दी गयी थी। विपक्षी कर्मचारी की आंख की कमजोरी के कारण विभाग में दूसरे पद पर कम वेतन पर तैनात किया। जिसे कैट में चुनौती दी गयी।

 

कर्मचारी का कहना

सेवाकाल में अक्षमता आने पर कर्मचारी को समान वेतनमान पर दूसरे कार्य के लिए नियुक्त किया जा सकता है

इसलिए रेलवे उसे कम वेतन पर दूसरे काम के लिए नियुक्त नहीं कर सकते

कोर्ट ने कहा

कम वेतन देने से न केवल कर्मचारी के जीवन स्तर पर प्रभाव पड़ेगा

उसका परिवार भी इससे प्रभावित होगा

ऐसे में अक्षमकर्मी को कम वेतन पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती।