सरकार से पूछा सहयोग कर रहे हैं या नहीं आरोपी
एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के 2ाते से 23 करोड़ गबन का मामला
कुलपति सहित प्रोफेसरों ने गिर3तारी से बचने की दा2िाल की याचिका
शुआट्स के 2ाते से हुई 23 करोड़ की हेराफेरी की विवेचना में हस्तक्षेप करने से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंकार कर दिया है। कोर्ट ने शुआट्स मैनेजमेंट की तरफ से दा2िाल किए जाने पर राज्य सरकार से पूछा है कि याचीगण विवेचना में सहयोग कर रहे हैं या नहीं। यह याचिका गिर3तारी से बचने के लिए दा2िाल की गयी थी। याचिका की सुनवाई 13 दिस6बर को होगी। यह याचिका शुआट्स के कुलपति समेत अन्य की तरफ से दा2िाल की गयी है।
1या है पूरा मामला
2013 से 2016 के बीच यूनिवर्सिटी के ए1िसस बैंक में स्थित 2ाते से 23 करोड़ की हेराफेरी की गयी
बैंक प्रबंधन और यूनिवर्सिटी दोनो अपने स्तर से जांच कराकर जि6मेदारी तय कर चुके हैं
इस प्रकरण की जांच एसआईटी ने 5ाी की और दोनों पक्षों को इस फ्रॉड के लिए जि6मेदार माना है
एसआईटी द्वारा ही वीसी समेत अन्य की गिर3तारी की सं5ावना है
इसी को लेकर चीफ जस्टिस डीबी 5ाोसले तथा जस्टिस एमके गुप्ता की बेंच में प्रो। अजय कुमार एलिसन लारेन्स सहित 7 लोगों को गिर3तारी पर रोक की मांग में याचिका दा2िाल की गयी
अधिवक्ता का कथन
वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी का कहना था कि याचीगण का नाम प्राथमिकी में नहीं है
बैंक कर्मियों ने एक ही चेक को दो बार 5ाुगतान ले लिया
उनके रिश्तेदारों के नाम स6पत्ति की 2ारीद 5ाी हुई है
दो आरोपी जेल में हैं और दो को जमानत मिली है
याचीगण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आदि हैं
उनके 2िालाफ गबन का साक्ष्य नहीं है
मामले की जांच कर रहे सीओ उन्हें गिर3तार कर सकते हैं
बैंक के 3 2ाते में 391 व्यवहार किये गये
इसमें से 369 व्यवहार अधिकृत नहीं हैं
राज्य सरकार का कथन
11 आरोपियों के 2िालाफ चार्जशीट दा2िाल करने का प्रस्ताव है
28 ला2ा की वसूली की जा चुकी है
बाकी के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है