एक तो सीएम, दूसरा फेस्टिव सीजन

फेस्टिव सीजन स्टार्ट होने से पहले ही जिन कंधों पर इलाहाबाद सिटी की सफाई व्यवस्था थी, वह स्ट्राइक पर चले गए हैं। यह फस्र्ट टाइम नहीं है जब वह त्यौहार से पहले स्ट्राइक पर गए हैं। इससे पहले भी वह कुछ ऐसा ही टाइम चूज करते थे जब स्ट्राइक आ असर ज्यादा हो। इस बार मामला इसलिए ज्यादा गर्म है कि सीएम अखिलेश यादव छह अक्टूबर को आ रहे हैं, और नवरात्रि भी शुरु हो रहा है। ऐसे में इस बार तो निगम कर्मियों को नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन पर प्रेशर बनाने का डबल मौका मिल गया है। ऐसे में अपनी डिमांड को पूरी कराने की जिद्द को लेकर वह स्ट्राइक पर चले गए है।

दो दिन में बदल गई सिटी की सूरत

सफाईकर्मियों की इस स्ट्राइक के चलते सिटी की सूरत बदल गई है। ओल्ड सिटी को छोडि़ए, पॉश कालोनियों के चौराहे भी कूड़ा डम्पिंग स्टेशन में तब्दील हो गया है। दो दिन में हुई बारिश के चलते सिटी की रोड व सड़कों पर गंदगी का अंबार लग गया है। सिविल लाइंस में रहने वाली सोमा मालवीय कहती हैं कि आए दिन यहां पर सफाई कर्मी स्ट्राइक पर चले जाते है। समझ में नहीं आता कि सिस्टम इनकी प्रॉब्लम को क्यों खत्म नहीं कर रहा है। नवरात्र शुरू होने वाला है। ऐसे में जगह-जगह गंदगी के अंबार से टेंशन और बढ़ गई है।

मौका ए दस्तूर बन गया है strike

एक तो सीएम छह अक्टूबर को आ रहे हैं। सिटी में डेंगू के केस लगातार पाए जा रहे हैं। बारिश भी रुक-रुक कर हो रही है। यह कंडीशन पूरी तरह से सफाई कर्मियों के पक्ष में बन रही है। सफाई कर्मी जानते हैं कि फेस्टिव सीजन का मौका है ही और सीएम भी आ रहे हैं दबाव बनाने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता। सफाई कर्मियों के यूनियन के नेता कहते हैं कि हमारी डिमांड को बार-बार निगम एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा लटकाया जा रहा था। मजबूर होकर स्ट्राइक का डिसीजन लेना पड़ा।