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लाख रुपये की वसूली होनी है शिक्षक-कर्मचारियों से

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पुनर्विचार की गुहार लगाने वालों का रिक्वेस्ट भी नामंजूर

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शिक्षक और कर्मचारी आएंगे कटौती के दायरे में

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सालों में एलटीसी बिल पास करा कर लिया था पैसा

प्राइवेट एजेंसी से टिकट बुक करा कर एलटीसी बिल पास कराना पड़ा भारी

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक बार फिर एलटीसी (लीव ट्रैवलिंग कंसेशन) के पैसे की वसूली शुरू हो गयी है। विवि प्रशासन ने शिक्षकों एवं कर्मचारियों की अप्रैल माह की सैलरी से पैसा काटे जाने का एसएमएस मोबाइल पर भेज दिया है। इससे हड़कम्प मच गया है। इनसे 76 लाख रुपए के भुगतान की वसूली की जानी है। विवि प्रशासन ने ऐसे 26 लोगों का मामला भी खारिज कर दिया है जिन्होंने प्रत्यावेदन देकर पुनर्विचार और समीक्षा किए जाने की मांग की थी।

मानी गलती, लौटाएगा पैसा

उधर, विवि प्रशासन ने एलटीसी वसूली के दायरे में आए विवि अध्यापक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो। एआर सिद्दकी के मामले में यू टर्न ले लिया है। प्रो। सिद्दकी से भी दो लाख 45 हजार रुपए की वसूली की जानी थी। नवम्बर 2017 में इनकी सैलरी से 85 हजार रुपए काट भी लिये गये थे। आरोप था कि उन्होंने अंडमान निकोबार की यात्रा गलत तरीके से की। जिसके बाद प्रो। सिद्दकी ने शिकायती पत्र देकर कहा था कि उन्होंने हैदराबाद की यात्रा की थी। कहा था कि उनकी सैलरी से पैसा गलत तथ्यों के आधार पर काटा गया। जांच के बाद अब विवि प्रशासन ने उनकी बात को मान भी लिया है। प्रशासन काटे गए पैसे का भुगतान चेक से करेगा।

कैग ने जतायी थी आपत्ति

नियम है एलटीसी के तहत यात्रा के लिए सरकार द्वारा अधिकृत बॉडी से ही टिकट लिया जा सकता है।

कार्रवाई के घेरे में आए सभी ने प्राईवेट एजेंट से टिकट बनवाकर यात्रा का दावा किया है

कैग की कमेटी ने इंटरनल आडिट में पकड़ा तो आपत्ति दर्ज करायी

विवादों की तह में

इविवि में 111 शिक्षकों एवं कर्मचारियों से नवम्बर 2017 में एलटीसी भुगतान की वसूली सैलरी से पैसा काटकर की गयी।

सैलरी से पैसा कटने के बाद दिसम्बर में आटा पदाधिकारियों ने कहा था उनका मामला 2009 से 2013 के बीच का है।

कहा था कि नियमों की अनदेखी की गई है तो उसके लिये लेखा विभाग के तत्कालीन अफसर जिम्मेदार हैं

सवाल उठा कि एयू से संबंधित 11 संघटक कॉलेजेस में शिक्षक एवं कर्मचारियों की सैलरी से कटौती क्यों नहीं की जा रही?

कटौती से पहले अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया।

तारीखें गवाह हैं

27 नवम्बर को सैलरी बिल जनरेट हुआ और 28 नवम्बर 2017 को रजिस्ट्रार ने वसूली का आर्डर जारी किया

29 नवम्बर को व्यक्तिगत रूप से इसकी सूचना सभी को विभागों में भेजी गई और 30 नवम्बर को सैलरी से पैसा भी काट लिया गया।

उस समय वीसी ने छुट्टी से वापस आते ही एलटीसी के पैसे की वसूली पर रोक लगा दी।

जिन लोगों का पैसा कटा है। उन्हें न्याय के लिए कोर्ट जाना चाहिये था। अभी तक कोई कोर्ट नहीं गया है। इस मुद्दे पर मैं कुलपति से मिलकर बात करुंगा।

प्रो। राम सेवक दुबे, अध्यक्ष आटा

मैने विवि प्रशासन से मांग की है कि वह शिक्षकों के वेतन से काटे गए पैसे से संबंधित मामले की फिर से समीक्षा करे। जिन लोगों की आपत्ति सही है। उसे विवि प्रशासन को मानना चाहिये।

प्रो। एआर सिद्दकी,

वरिष्ठ उपाध्यक्ष आटा