इलाहाबाद यूनिवर्सिटी वसूल रहा भारी भरकम हॉस्टल फीस, वार्षिक परीक्षा में शामिल छात्र को तुरंत छोड़ना होगा हास्टल

बड़ा सवाल तो क्या चार महीने के लिए बांटेंगे हॉस्टल

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 की शुरुआत जुलाई माह में हुई थी। लेकिन हॉस्टल में पजेशन मिलने का सिलसिला नवंबर माह में भी जारी है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि जब यूनिवर्सिटी फीस पूरे सेशन की ले रहा है तो हॉस्टल में पजेशन सही समय पर क्यों नहीं मिल पा रहा? जबकि दिसम्बर में सेमेस्टर एग्जाम और फिर मार्च से वार्षिक परीक्षाओं का दौर भी शुरू हो जाएगा।

ट्रस्ट के हॉस्टल का हाल बेहाल

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी ने पहली दफा हॉस्टल वॉशआउट करवाया था। इसके साथ ही हॉस्टल की फीस भी तकरीबन दो गुना कर दी गई थी। इसका सेशन शुरू होने से पहले जमकर विरोध भी हुआ। लेकिन अब हाल यह है कि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में सिंगल सीट की फीस 15,000 रुपये तक वसूला जा रहा है। लेकिन छात्र-छात्राओं को समय से हॉस्टल में पजेशन ही नहीं मिल पा रहा। सबसे खराब हालत ट्रस्ट के हास्टल्स की है। इससे हॉस्टल के लिए भटक रहे छात्रों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।

दिसम्बर में होने हैं सेमेस्टर एग्जाम

अन्त:वासियों का कहना है कि डबल सीट वाले कमरों में एक सीट के लिए साढ़े तेरह हजार रुपए फीस दी गई। इतनी फीस तो दूसरे विश्वविद्यालयों में भी नहीं है। उनका कहना है कि नियम है कि मार्च में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं में शामिल छात्र की परीक्षा खत्म होते ही हॉस्टल छोड़ना पड़ेगा, लेकिन ऐसा होता नहीं है। ऐसे में इतनी भारी भरकम फीस चुकाकर हास्टल लेने का क्या मतलब है? छात्रों का सवाल है कि दिसम्बर में सेमेस्टर एग्जाम होने हैं। ऐसे में हॉस्टल एलाटमेंट और पजेशन का दौर कब समाप्त होगा ?

कॉलिंग

मुझे तो बहुत विलंब से हॉस्टल मिला। इसके लिये बहुत भाग दौड़ करनी पड़ी। मुश्किल यह है कि यूनिवर्सिटी के अलावा छात्रों को और भी परीक्षायें देनी होती हैं। ऐसे में परेशान छात्र ही होता है। चूंकि, पहली बार हॉस्टल में कोर्स वाइज एलाटमेंट किया गया है। ऐसे में प्रॉब्लम पहले से ज्यादा बढ़ गई।

-प्रतीक मिश्रा

अब चार-पांच माह के लिये कौन हॉस्टल लेगा इतनी फीस चुकाकर ? मुझे तो संदेह है कि कहीं बड़ी संख्या में कमरे खाली ही न रह जाएं। कई सारे छात्र ऐसे भी हैं, जिन्होंने हॉस्टल की बजाय किराये का कमरा तलाश लिया है।

-अभिषेक कुमार गुप्ता

मोटी फीस वसूलेंगे तो कम से कम हॉस्टल तो समय से दें। पहले तो बड़े-बड़े दावे किये गये थे। यूनिवर्सिटी ने कहा था कि 10 जुलाई तक सबको हॉस्टल दे देंगे। अब सारे दावे हवा-हवाई क्यों साबित हो गए? नव प्रवेशी छात्रों को सबसे ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है। उनकी कोई कुछ सुन ही नहीं रहा।

-रितेश तिवारी

बॉक्स

चार महिने के लिये हॉस्टल तो चार महीने की ही फीस देंगे

- हास्टल मुद्दे पर गर्माया छात्रसंघ, उपमंत्री ने कहा जवाब के लिए तैयार रहे विवि प्रशासन

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हॉस्टल एलॉटमेंट में बरती जा रही भारी लापरवाही के बाद छात्रों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। छात्रसंघ के उपमंत्री भरत सिंह की अगुवाई में बड़ी संख्या में डीएसडब्ल्यू कार्यालय पहुंचे छात्रों ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में छात्रावासों में खाली कमरों पर अभी तक पजेशन नहीं दिया गया है। हिन्दू हॉस्टल और एसडी जैन में कमरा छात्रों को आवंटित नहीं किया जा सका। जबकि ताराचन्द, हॉलैंड हॉल और पीसीबी जैसे छात्रावासों में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली पड़ी हैं। उपमंत्री भरत सिंह का आरोप है कि डीएसडब्ल्यू ने कहा कि यह स्थिति केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण है। इसमें विवि प्रशासन की कोई भूमिका नहीं है। उपमंत्री भरत सिंह ने कहा कि विवि प्रशासन चार महिने के लिए हॉस्टल दे रहा है तो चार महीने की ही फीस ले। अन्यथा छात्रसंघ इसका मुंहतोड़ जवाब भी देगा। प्रदर्शन का नेतृत्व कला संकाय प्रतिनिधि दिग्विजय सिंह दिग्गी, प्रशांत मिश्रा, वीरेन्द्र सिंह चौहान आदि ने किया।