ष्द्धड्डद्बढ्डड्डह्यड्ड : जगन्नाथपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी पर जैंतगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने अधिकार का गलत इस्तेमाल करने एंव मनमानी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीडीओ अपने कार्यालय मे बैठे-बैठे किसी को भी अनुपस्थित कर देते हैं या कार्य समय समाप्ति के बाद केन्द्र का निरीक्षण कर अनुपस्थित करते हैं। उन्होंने अपने निरीक्षण का कोई सबूत रजिस्टर पर नहीं दिया है और कर्मचारियों को जिला उपायुक्त के समक्ष अनुपस्थित घोषित कर दिया। कल शोकॉज की चिट्ठी देखकर स्वास्थ्यकर्मी हैरान हैं।

सभी थे उपस्थित, नहीं आए बीडीओ

प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने 28 अगस्त 2015 को जिला उपायुक्त से शिकायत की है कि 26 अगस्त को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जैंतगढ़ का निरीक्षण प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा किया गया। जिसमे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ। मोतीलाल केशरी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ। दीपक कुमार एंव काशिफ रजा अनुबन्ध फार्मासिस्ट अनुपस्थित पाए गए।

मरीजों की हुई जांच

जबकि उपस्थिति पंजी और ओपीडी रजिस्टर साफ बयान कर रही है कि उक्त तिथि को सभी पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे और चिकत्सक ने मरीजों की जांच भी की है। डॉ। मोतीलाल केशरी ने बताया कि हम दो मरीजों की जांच के बाद स्वास्थ्य शिविर करंजिया उप स्वास्थ्य केन्द्र के अधीन माशाबिला गांव मे चले गए थे। बल्कि यह सबूत कहीं पर भी नहीं है कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने स्वास्थ्य केन्द्र का निरिक्षण किया। किसी भी रजिस्टर मे उन्होने अपना हस्ताक्षर और निरीक्षण का समय अंकित नही किया है। स्थानीय शहनवाज आलम, मोफज्जल हुसैन ने बताया कि बीडीओ की गाड़ी शाम चार बजे के बाद क्षेत्र मे देखी गई थी।

चिकित्सकों एंव कर्मियों ने बताया कि बीडीओ के निरीक्षण का हमे कोई ज्ञान नहीं था। कल शोकॉज की चिट्ठी देखकर हम अचम्भित हो गए। उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत जिला उपायुक्त से करच् उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। इस सम्बन्ध मे जगन्नाथपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी प्रदीप महतो ने कहा कि मै डेढ़ दो बजे अस्पताल गया था। कर्मचारी मौजूद नही थे। जैंतगढ़ अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है।