- रमजान के आखिरी जुमे पर नमाज अदा करने मस्जिदों ने उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़

- मौसम के तल्ख मिजाज को दरकिनार कर लोगों ने अदा की नमाज, दिखा जबरदस्त उत्साह

VARANASI

रमजानउल मुबारक के आखिरी जुमे को शहर के मस्जिदों में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी। अलविदा की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदें छोटी पड़ी तो लोगों ने सड़कों पर ही नमाज पढ़ कर अल्लाह से अपनी गुनाहों की माफी और मुल्क में अमन चैन की दुआ की। खास यह रहा कि अकीदमंदों के उल्लास को मौसम की तल्खी भी नहीं रोक सकी। दोपहर साढ़े बारह से तीन बजे तक शहर की सभी मस्जिदों में कड़ी सुरक्षा के बीच अलविदा की नमाज पढ़ी गई। नई सड़क स्थित लंगड़े हाफिज मस्जिद में सबसे आखिर में अलविदा जुमा की नमाज अदा हुई। मस्जिद के भीतर जगह न होने की वजह से लोगों को तेज धूप में मस्जिद की छत पर नमाज पढ़नी पड़ी। वहीं कई स्थानों पर मस्जिदों के बाहर सड़क पर भी नमाज अदा हुई। अलविदा जुमा को लेकर बच्चों में जबर्दस्त उत्साह रहा। बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी नहा-धो कर नए कपड़ों में नमाज अदा करने पहुंचे।

हुई सामुहिक दुआख्वानी

अलविदा जुमा में नमाज के बाद लगभग सभी मस्जिदों में सामूहिक दुआख्वानी हुई। पेश इमाम के साथ-साथ लोगों ने इस मुकद्दस माह में अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी। अकीदतमंद ने दुआ की अल्लाह उनके इबादतों को कबूल कर मुल्क में अमन चैन का माहौल कायम करें। शाही मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, खुदाबख्श जायसी लंगड़े हाफिज नई सड़क में मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन चौराहा मौलाना मुबारक हुसैन, मस्जिद ढाई कंगूरा चौहट्टालाल खां में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, मस्जिद लाटशाही कचहरी में हाफिज हबीबुर्रहमान, मस्जिद लाट सरैयां में मौलाना जियाउर्रहमान ने नमाज अदा करायी।

सदके की रकम है जरूरी

सदका-ए-फित्र गरीब व मिस्कीन को छोड़कर सभी को अदा करना जरूरी है। इसकी रकम या अदायगी को लेकर यदि किसी किस्म की गलतफहमी हो तो उलमा-ए-कराम से जरूर मशवरा लें। मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी बताते हैं कि एक किलो म्फ्फ् ग्राम गेहूं सदका देना शरीअत में बयान है। इसकी वर्तमान कीमत ब्0 रुपये से कम है, लेकिन गरीबों की भलाई को देखते हुए इसे ब्0 रुपये रखा गया है। सदका-ए-फित्र की अदायगी अपनी हैसियत के हिसाब से करनी चाहिए। जौ, छुहारा, किशमिश व पनीर की अदायगी गेहूं की मात्रा का दूना यानी कि फ् किलो ख्म्म् ग्राम या इसकी कीमत के बराबर कीमत क्रमश: ब्0 रुपये, क्00 रुपये, ब्80, 7ख्0 रुपये व 9क्भ् रुपये हैसियत वालों को सदके में निकालनी चाहिए।