- शासन-प्रशासन की कार्रवाई पर एएमए ने किया पलटवार

- कहा, कमिश्नर और डीएम के आश्वासन पर तोड़ी थी हड़ताल, फिर क्यों हुई दो डॉक्टरों पर कार्रवाई

<- शासन-प्रशासन की कार्रवाई पर एएमए ने किया पलटवार

- कहा, कमिश्नर और डीएम के आश्वासन पर तोड़ी थी हड़ताल, फिर क्यों हुई दो डॉक्टरों पर कार्रवाई

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रशासन के आश्वासन पर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म की थी। डीएम और कमिश्नर ने कहा था कि पांचों आरोपियों को अरेस्ट किया जाएगा। नौ डॉक्टरों पर दर्ज एफआईआर वापस ली जाएगी और पीडि़त डॉक्टर रोहित गुप्ता को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके बावजूद प्रशासन ने शासन को उल्टी रिपोर्ट भेज दी। नतीजा यह कि दो डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर दी गई। शनिवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का यही कहना था। वह मेडिकल कॉलेज के प्रो। दिलीप चौरसिया को निलंबित किए जाने और डॉ। मनीषा द्विवेदी की संविदा निरस्त करने के शासन के फैसले पर विरोध जता रहे थे।

प्रशासन बना हमलावरों का पैरोकार

एएमए हॉल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन डॉ। रोहित गुप्ता से मारपीट करने वाले आरोपियों के पैरोकार की तरह व्यवहार कर रहा है। पांच आरोपियों में से महज तीन को अरेस्ट किया गया और इन्हें अगले दिन जमानत मिल गई। इसके बाद डीएम भवनाथ सिंह द्वारा डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर दो डॉक्टरों के खिलाफ शासन ने शुक्रवार को कड़ी कार्रवाई कर दी।

डरे सहमें हैं डॉक्टर

उनका कहना था कि इस पूरे घटनाक्रम से डॉक्टर समुदाय बुरी तरह से डरा सहमा है। शासन और प्रशासन द्वारा डॉक्टरों को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है। जिसका विरोध किया जाएगा। आगे की रणनीति बनाने के लिए एएमए ने शनिवार की रात आईएमए की प्रदेश स्तरीय जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई है। इसके अलावा कमिश्नर से भी समस्याओं को लेकर मुलाकात की जाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि इसके बाद डॉक्टर प्रदेश स्तर पर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे।

सुबह चार बजे मार खाने नहीं गया था

आनंद हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा बुरी तरह पीटे गए डा। रोहित गुप्ता ने कहा कि वह सुबह चार बजे मार खाने नहीं गए थे। मरीज को लीवर सिरोसिस हुआ था और किडनी फेल्योर हो चुकी थी। डायबिटीज भी थी। ऐसे में उसका हर संभव इलाज किया गया। उल्टे परिजनों ने मरीज की मौत होने के बाद मुझे आधे घंटे तक पीटा। इस घटना में मेरा कोई दोष नहीं है। मैं किसी भी तरह की इन्क्वॉयरी के लिए तैयार हूं। एएमए अध्यक्षा डॉ। अभिलाषा चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे हालात में जब वह अपने डॉक्टर साथियों का साथ नहीं दे पा रही हैं तो वह पद से इस्तीफा देने बेहतर समझेंगी। मीटिंग में डॉ। बीके मिश्रा, डॉ। आलोक मिश्रा, डॉ। अशोक अग्रवाल, डॉ। शार्दूल सिंह आदि मौजूद रहे।