- मुख्यमंत्री के घर के बाहर जलाये गये अमर सिंह के पुतले

-सिक्योरिटी के लिए हलकान रही पुलिस, कई थानों की बुलानी पड़ी फोर्स

-पांच स्थानों की गतिविधियां पुलिस के लिए रहीं चैलेंज

LUCKNOW : बीते कई सालों में तमाम मौकों पर पांच, कालिदास मार्ग के वीवीआईपी गेस्ट में शुमार होने वाले अमर सिंह को आज समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर बेइज्जत किया। विधानमंडल दल की बैठक में 'दलाल' शब्द से नवाजे गये अमर सिंह की तस्वीरें सड़क पर जूतों से रौंदी जा रही थी। नेता और कार्यकर्ता उन्हें चोर, असामाजिक तत्व, दलाल जैसे शब्दों से लिपटे नारों से पुकार रहे थे। उनका यह कदम पार्टी में मची रार के बाद गुस्से से भरा कम, राजनीतिक स्वार्थ से भरा ज्यादा लग रहा था।

बाहर आते ही नारेबाजी

मुख्यमंत्री ने विधान मंडल दल की मीटिंग में अमर ंिसह पर हमला क्या बोला, बाहर मुख्यमंत्री के समर्थक अमर सिंह के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। अमर सिंह पर मुख्यमंत्री ने घर में विघटन, दलाली और कई अन्य आरोप लगाये थे। मुख्यमंत्री की मीटिंग खत्म हुई तो बाहर आये विधायकों ने भी अमर सिंह पर हमला बोलना जारी रखा। विधायकों ने एक स्वर में मुलायम सिंह से अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने की मंाग की और कहा कि आज पार्टी की यह दुर्गति अमर सिंह की वजह से हो रही है। कई विधायकों ने खुलकर अमर सिंह की मुखालिफत की तो वहीं कई विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने अमर सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। अखिलेश समर्थक और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के घर के सामने ही अमर सिंह की पोस्टर फाड़े तो कुछ समर्थकों ने बकायदा पुतला बनाकर उसे आग के हवाले भी किया गया।

बुलानी पड़ी कई थानों की पुलिस

अंदर अखिलेश मीटिंग ले रहे थे और बाहर लोग मीटिंग में लिये गये निर्णय का इंतेजार कर रहे थे। गहमा गहमी बढ़ रही थी। मीटिंग के बाद सभी बाहर आये लेकिन परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंदर ही रोक लिया गया। बाहर अफवाह उड़ी की गायत्री को रेप के एक मामले में गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पहले कैंट सीओ अवनीश मिश्रा और इंस्पेक्टर हजरतगंज पहले पहुंचे। थोड़ी देर के बाद फोर्स पहुंचना शुरू हुई। बाद में एसपी ईस्ट शिवराम यादव भी मौके पर पहुंचे। कई थानों की पुलिस और कई सर्किल के सीओ को भी बुला लिया गया।

पांच प्वाइंटस पर नाचती रही पुलिस

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पांच केंद्र थे। तीन केंद्र कालिदास मार्ग और दो केंद्र विक्रमादित्य मार्ग पर थे। सबसे बड़ा सिर दर्द पुलिस के लिए था। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ एडीशनल एसपी ईस्ट शिव कुमार यादव, सीओ कैंट अवनीश मिश्र, सीओ हजरतगंज अशोक वर्मा, सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी के अलावा विभूतिगंज, कैंट, हजरतगंज, इंदिरानगर के थाना प्रभारियों को भी ड्यूटी इस पांच सौ मीटर के दायरे में लगा दी गयी थी।

पांच कालिदास

सुबह मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पर बैठक शुरू हुई और फिर शिवपाल समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला सुना दिया गया। बाहर अमर सिंह के पुतले जलाये गये, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने जमकर अमर ंिसंह पर भड़ास निकाली।

ात कालिदास

फैसले के बाद शिवपाल समर्थक उनके 7 कालिदास मार्ग पर जुटना शुरू हो गये और नारेबाजी करने लगे। थोड़ी देर बाद एक नेता बाहर आये और कहा कि कोई भी नारेबाजी किसी नेता के खिलाफ नहीं होगी। नारे लगाने ही हैं तो पार्टी के पक्ष में लगायें।

जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट

थोड़ी ही दूर पर जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट का आफिस है, वहां भी काफी गहमा गहमी थी और पार्टी के युवा नेता वहां बैठकर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे। इसमें पार्टी से बर्खास्त नेता और एमएलसी भी मौजूद थे।

पांच विक्रमादित्य

यह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का आवास है। यहां सुबह से काफी चहल पहल थी। पहले पार्टी के सीनियर नेता रेवती रमण सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा, किरणमय नंदा, माता प्रसाद पांडेय मुलायम के घर पहुंचे। 11 बजे बर्खास्त होने के बाद शिवपाल यादव भी पहुंचे। यहां नेताओं के पहुंचने का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।

19 विक्रमादित्य

यह पता है समाजवादी पार्टी के दफ्तर का। पहले हाफ में यहां सन्नाटा था। लेकिन दूसरे हाफ में शिवपाल यादव के पार्टी दफ्तर पहुंचते ही हलचल शुरू हो गयी। पहले शिवपाल ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया और बाद में राम गोपाल यादव को पार्टी से बाहर करने का मुलायम सिंह का फरमान भी इसी आफिस से जारी किया।