- अंबिका ने नैथानी और धनै के साथ की आधा घंटा बंद कमरे में बात

- पीडीएफ नेताओं ने कहा-टिकट मिल जाए तो बेहतर, नहीं तो लडे़ंगे निर्दलीय

- सीएम हरीश रावत ही करेंगे फैसला, पर अंबिका ने सुनी पीडीएफ की बात

DEHRADUN: सरकार के सहयोगी पीडीएफ के साथ कांग्रेस के रिश्ते कैसे हों, इसका फैसला सीएम हरीश रावत को लेना है, लेकिन पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी ने फिर भी पीडीएफ की मन की थाह लेने की आज पूरी कोशिश की। पीडीएफ संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी और दिनेश धनै के साथ आधा घंटे तक प्रभारी ने तफसील से बात की। इस दौरान पीडीएफ ने अपनी मंशा जाहिर करने में कसर नहीं छोड़ी। पीडीएफ ने कहा कि कांग्रेस टिकट दे तो बेहतर, नहीं देती है, तो निर्दलीय चुनाव तो लड़ा ही जाएगा।

अंबिका ने बुलाया, पीडीएफ दौड़ा आया

पीडीएफ कोटे के कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै कुछ दिन पहले तक ये बयान दे रहे थे कि उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं चाहिए। मगर आज अंबिका सोनी का बुलावा गया, तो वह दौडे़-दौडे़ चले आए। अंबिका सोनी के साथ धनै की मीटिंग हुए पांच मिनट भी नहीं बीता था, कि मंत्री प्रसाद नैथानी भी पहुंच गए। इसके बाद, दोनों नेताओं ने बंद कमरे में अंबिका सोनी से मुलाकात और बात की। इस दौरान कांग्रेस का कोई नेता मौजूद नहीं रहा।

पीडीएफ साथ, सीएम करेंगे फैसला

सूत्रों के अनुसार, अंबिका सोनी ने पीडीएफ नेताओं से बातचीत में कहा कि रिश्तों के संबंध में सीएम हरीश रावत को ही फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है। संगठन यह मानता है कि पीडीएफ ने कमजोर क्षणों में पार्टी का साथ दिया है। पिछले दिनों पीडीएफ नेताओं ने अंबिका सोनी से फोन पर कांग्रेस के नेताओं की शिकायत की थी।

- पीडीएफ को लेकर चर्चा जरूर हुई है, लेकिन यह भी तय है कि फैसला सीएम हरीश रावत को करना है। पीडीएफ के विधायकों ने शिष्टाचार मुलाकात की है। वह हमारे सहयोगी हैं। जब भी अंबिका सोनी आती हैं, पीडीएफ विधायक उनसे जरूर मिलते हैं।

-संजय कपूर, सह प्रभारी, कांग्रेस