RANCHI: झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही देखनी है, तो आरसीएच कैंपस नामकुम चले आइए। करोड़ों की लागत से एक साल पहले एंबुलेंस खरीदी गई, लेकिन उसको चलाने के लिए कोई सिस्टम अब तक नहीं बन सका है। नतीजन, कैंपस में भ्0 नई एंबुलेंस जहां-तहां फेंकी पड़ी हैं। किसी की टायर बैठी जा रही है तो किसी की बैट्री जवाब दे गई है। गाडि़यों पर धूल इस कदर चढ़ी है कि नई गाड़ी भी क्0 साल पुरानी लगने लगी हैं। इस तरह एक ओर एंबुलेंस सड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण आए दिन लोगों की जान जा रही है।

हर फ्0 किमी पर कैसे खड़ी मिलेंगी एंबुलेंस

झारखंड सरकार द्वारा एक योजना शुरू की गई है, जिसके अनुसार राज्य में हर फ्0 किमी पर एंबुलेंस खड़ी रहेगी। किसी को भी एंबुलेंस की जरूरत होगी तो वो क्08 नंबर डायल कर अपने पास एंबुलेंस मंगा सकेगा। इस योजना को साल भर से प्लान किया जा रहा है, लेकिन अब तक यही तय नहीं हो पाया है कि यह सेवा शुरू कब होगी। विभागीय अधिकारी भी यह बताने से कतरा रहे हैं कि कब से सेवा शुरू होगी।

डायल क्08 पर ख्ब् आवर सर्विस

इन एंबुलेंस का इस्तेमाल सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को एक घंटे के गोल्डेन आवर में ट्रॉमा सेंटर या अस्पताल पहुंचाने सहित प्रेग्नेंट महिलाओं एवं अन्य आपात स्थितियों में किया जाना है। योजना के तहत अगर किसी को किसी तरह की मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी तो वो तत्काल क्08 नंबर डायल कर एंबुलेंस पा सकेगा। इसके लिए क्08 नंबर का एक कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा, जिसमें ख्ब् घंटे स्टाफ काम करेंगे। किसी भी समय इस नंबर को डायल किया जा सकता है। जिगित्सा हेल्थ केयर को काम दिया गया है।

टेंडर के खेल में कोर्ट पहुंचा मामला

विभाग के अधिकारियों के अनुसार झारखंड में क्08 नामक एंबुलेंस सेवा शुरू होनी है। इस एंबुलेंस में जीवन रक्षक उपकरण लगाए जाने हैं। उपकरण लगाने के इस फैब्रिकेशन वर्क के लिए टेंडर भी किया जा चुका है। लेकिन तीन बार टेंडर होने के बाद भी किसी कंपनी को काम नहीं दिया जा सका है। एक कंपनी को फैब्रिकेशन का काम करने के लिए फ ाइनल भी किया गया, लेकिन दूसरी कंपनी ने केस कर दिया। अब मामला कोर्ट में पेंडिंग है।

वर्जन

क्08 एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए फैब्रिकेशन का काम होना है, लेकिन अब मामला न्यायालय में चला गया है। अब कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही हम लोग कुछ कर पाएंगे।

-डॉ प्रवीण चंद्रा, डायरेक्टर इंचार्ज, झारखंड हेल्थ सर्विसेज