कब्जे को लेक हवाई फायरिंग

खबरों के मुताबिक कब्जा लेने की कोशिश में अनंत के समर्थकों की सांसद पिता के लोगों से हाथापाई के साथ हवाई फायरिंग भी हुई. अनंत ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी जिसे पुलिस ने शाम को वापस कर दिया. इसके बाद गुस्साए अनंत समर्थकों ने कोतवाली घेर ली. हालांकि बाद में पुलिस ने दोबारा तहरीर लेकर दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. पुलिस ने सांसद की दूसरी पत्नी अमिता सिंह का नाम मुकदमे में शामिल नहीं किया है. राजघराने के विवाद के कारण रामनगर में तनाव पैदा हो गया है. महल के बाहर और कस्बे में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

ग्रामीण युवराज के साथ

बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह सांसद डॉ. संजय सिंह के बेटे अनंत विक्रम अपनी मां गरिमा सिंह, पत्नी सांभवी सिंह, बेटे अधिराज सिंह, बहन महिमा व शैब्या के साथ भूपति भवन पहुंचे. अनंत विक्रम के ड्राइवर अभिषेक पांडे ने उन्हें महल का मेन गेट बंद होने की जानकारी दी. अनंत विक्रम का आरोप है कि महल के केयरटेकर रामराज मिश्र व उनके बेटे भास्कर ने असलहा दिखाकर उन्हें रोकने की कोशिश की. इतना ही नहीं रामराज के साथ मौजूद लोगों ने ड्राइवर अभिषेक की पिटाई भी कर दी. बताते हैं कि गरिमा सिंह की छोटी बेटी शैब्या के साथ भी धक्कामुक्की हुई. उधर आसपास के गांवों में युवराज अनंत विक्रम के साथ मारपीट की खबर फैलने पर ग्रामीण एकत्रित हो गए और हमलावरों को खदेड़ लिया. भीड़ पर फायरिंग भी की गई. भीड़ ने बेनीपुर गांव के अमिता सिंह समर्थक बच्चा की पिटाई कर दी. साथ ही उनके वाहन को भी पलट दिया. पुलिस को भीड़ पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. देर शाम तक पुलिस के उच्च अधिकारी कई थानों की फोर्स के साथ भूपति भवन के बाहर डटे रहे. विवाद की सूचना दिल्ली में मौजूद डॉ. संजय सिंह व अमिता सिंह को दे दी गई है.

यह है मामला

महल भूपति भवन के दो कमरों में अनंत विक्रम सिंह का सामान रखा था. जिसे कुछ दिन पहले संजय सिंह तथा पूर्व मंत्री अमिता सिंह ने हटवा दिया था. सामान महल से बाहर किए जाने की सूचना पर शुक्रवार को संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह अपने बच्चों के साथ अमेठी के राजभवन पहुंचे. संजय सिंह के अमिता मोदी से दूसरी शादी करने के बाद से गरिमा सिंह पुत्र के साथ लखनऊ स्थित अमेठी भवन में रह रहीं थीं. उल्लेखनीय है कि 34 वर्षीय अनंत विक्रम सिंह नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं. वह लंबे अर्से तक अमेठी से दूर रहकर पढ़ाई और नौकरी करते रहे हैं. अनंत की मां गरिमा का कहना है कि,'बीस साल तक मैंने सब्र किया कि सब कुछ ठीक हो जाएगा. अब मैं और मेरा परिवार यहीं रहेगा. अगर महाराज को आपत्ति हो तो वह मुझे और मेरे परिवार को यहीं दफन कर दें.'

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