लुक एंड फील  

अब अगर iOS 8 की बात की जाये तो यह लगभग iOS 7 की तरह ही फील देगा. इसमें आपको कलरफुल और फ्लैट वेक्टर बेस्ड आइकन मिलेंगे. वहीं अगर इसके यूजर इंटरफेस पर गौर करें तो इसमें ब्लू और ब्लैक कलर की स्िटक है. इसके साथ ही इसमें आपको व्हॉइट कलर का बैकग्राउंड मिलेगा. हालांकि अब अगर एंड्रायड के यूजर इंटरफेस के कलर से कंपेरिजन करें तो एंड्रायड में आपको ज्यादा आकर्षक कलर मिलेंगे. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि एंड्रायड ने कलर्स पर काफी फोकस किया है. एंड्रायड 5.0 लॉलीपॉप में मैटेरियल डिजाइन के साथ कलर स्कीम यूज की गई है.

फीचर्स

एंड्रायड L का यह बेहद ही खास फीचर्स है. इसमें आप अपने फोन पर सॉन्ग्स, फोटो, एप आदि को जहां से छोड़कर जायेंगे, वापस आने पर वे वहीं पर मिलेंगे. एंड्रायड L का यह फीचर्स बिल्कुल एप्पल के iOS 8 के जैसा ही है. इसके अलावा इस एंड्रायड के जरिये आप रिसेंटली सर्च को भी तुरंत ही एसेस कर सकते हैं. एंड्रायड का यह नया वर्जन लॉलीपॉप बहुत ही फ्लेक्सिबल ओएस है. इसका मतलब आप आप इस ओएस को किसी भी डिवाइस में आसानी से एसेस कर सकेंगे. जैसे- स्मार्टवॉच, टीवी, फोन आदि में यह आसानी फिट हो जायेगा. कंपनी का कहना है कि हमारा नया ओएस काफी फ्लेक्सिबल है इसलिये यह आपकी किसी भी डिवाइस में आराम से रन कर सकेगा.

गूगल और एप्पल दोनों ने किया अच्छा काम

अब अगर ओवरऑल देखा जाये तो Android 5.0 और iOS 8 दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर बिल्कुल फिट हैं. हालांकि इन दोनों में किसी एक को चुनने की बात आयेगी, तो यह काफी टफ डिसीजन होगा. गूगल और एप्पल ने अपने-अपने ओएस को बहुत ही बेहतरीन और पॉवरफुल तरीके से बनाया है. एंड्रायड के यूजर्स को जितना Android 5.0 अच्छा लगेगा, ठीक वैसे ही एप्पल यूजर्स को iOS 8 पसंद आयेगा. एंड्रायड ने अपने ओएस को और आसानी से यूज करने पर ज्यादा ध्यान दिया है. वहीं दूसरी ओर iOS 8 ने अपने यूजर्स को डिवाइस पर कंट्रोल करने की आजादी दी है.  

courtesy: Tech2

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