पर्यावरण मिनिस्टर से मेयर व नगर आयुक्त ने की पशु आश्रम खोले जाने की मांग

सिटी की रोड पर आवारा पशुओं की भरमार से ट्रैफिक संचालन में हो रही प्रॉब्लम, गंदगी की भी बढ़ी समस्या

VARANASI

सिटी की सड़कों पर इन दिनों आवारा पशुओं का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। ये आये दिन लोगों को घायल कर रहे हैं। वहीं पशुपालक भी अपने पशुओं को खुलेआम सड़कों पर छोड़ दे रहे हैं। इन्हें रोड पर पब्लिक को होने वाली परेशानियों की भी परवाह नहीं रहती है। लेकिन अब बहुत हो चुका। मेयर और नगर आयुक्त ने एक नया कदम उठाया है। उन्होंने आवारा पशुओं को घर दिलाने के साथ ही पशु पालन करने वालों के लिए भी ऐसी जगह दिये जाने का मन बनाया है ताकि उनके पशु शहर में ट्रैफिक संचालन में प्रॉब्लम क्रिएट न कर सकें। इसके लिए उन्होंने पर्यावरण मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र सौंपा है।

बढ़ी आवारा पशुओं की संख्या

सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं की संख्या काफी बढ़ गयी है। इन्हें पकड़ने की कार्रवाई भी प्रशासन की ओर से कभी कभार ही की जाती है। इन पशुओं के चलते तंग गलियों में रहने वालों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। रोड्स पर इनका जमावड़ा होने के कारण ये अक्सर एक्सिडेंट्स का कारण भी बन रहे हैं।

गोशाला के पशुओं से भी परेशानी

शहर में पशु पालकों की संख्या भी ज्यादा है। गोशाला से निकलने वाला गोबर अक्सर सड़कों व गलियों में पड़ा रहता है। इससे गंदगी तो बढ़ती ही है, मच्छरों को भी पनपने का मौका मिलता है। इनके कारण शहर की गलियों और सड़कों पर गंदगी ही गंदगी नजर आती है।

हमलावर भी बन जाते हैं ये

बनारस के लिए कहा भी गया है कि यह शहर इंसानों के साथ ही पशुओं के लिए भी है। यहां हर ओर पशुओं का जमावड़ा रहता है। जिससे परेशानी भी होती है। गाय, सांड़, कुत्ते और बंदर घूमते मिल जाएंगे। ये अक्सर जानलेवा भी साबित होते हैं। शहर के साथ रूरल एरिया में भी इन पशुओं के हमले से लोग आये दिन घायल हो रहे हैं।

कई हो चुके हैं घायल

पिछले दिनों बंदरों के आतंक से सिगरा इलाके में एक लड़की गंभीर रूप से घायल हुई थी। लहुराबीर एरिया में सांड़ के वार से एक व्यक्ति जख्मी हो गया था। इसी तरह पांडेयपुर एरिया में भी सांड़ खतरा बने रहते हैं। उनके बीच होने वाला झगड़ा कई बार पब्लिक के लिए जानलेवा बनता है।

इन एरिया में है इनका राज

आवारा पशुओं का भोजूबीर, पांडेयपुर, लहुराबीर, कचहरी, गोदौलिया, मैदागिन, नदेसर, वरुणा ब्रिज, लंका, सुंदरपुर के अलावा भी कई एरिया में इनका राज रहता है। इनकी मौजूदगी से पब्लिक को ही रास्ता बदलना पड़ता है। सब्जी मंडियों में इनका आतंक ज्यादा है।

पशु आश्रम की है कमी

केंद्र सरकार को भेज गये पत्र में मांग की गयी है कि पशु पालन करने वालों के लिए पशुशाला को शहर से बाहर किया जाना जरूरी है। इसके लिए उचित जगह निर्धारित की जाए।

गवर्नमेंट की योजनाएं

सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशु जिनमें गाय, बैल, सांड़, कुत्ते और बंदर हैं। इनके लिए केंद्र सरकार की ओर से जो योजनाएं चल रही हैं, वो ये हैं।

-स्कीम फार प्रॉविजन ऑफ एंबुलेंस सर्विस टू एनिमल्स इन डिस्ट्रिक्ट -स्कीम फॉर प्रोविजन ऑफ शेल्टर हाउस फॉर लुकिंग आफ्टर एनिमल्स -स्कीम फॉर बर्थ कंट्रोल एंड इम्यूनाईजेशन आफ स्ट्रे डॉग्स

-स्कीम फार रिलीफ टू एनिमल्स ड्यूरिंग नेचुरल क्लैमिटी।

-रेस्क्यू सेंटर फार मंकी