RANCHI: झारखंड में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के क्रम में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए काफी संख्या में लोकसेवकों को पकड़ने में सफलता पाई। मगर जब इन रिश्वतखोरों को सजा दिलाने की बात होती है तो कहीं न कहीं कोर्ट में साक्ष्य जुटाने में एसीबी फेल हो जाती है। इस कारण इस वर्ष अब तक क्ख् आरोपी सजा पाने के बजाय रिहा हो गए।

सजा दिलाने में एसीबी फेल

झारखण्ड में रिश्वतखोरों के बीच खौफ का दूसरा नाम है एंटी करप्शन ब्यूरो। ब्यूरो भ्रष्टाचार में लिप्त लोकसेवकों पर लगातार कार्रवाई करने में जुटी हुई है। इस मुहिम में एसीबी को साल ख्0क्7 में रिकॉर्ड सफलता मिली है। एसीबी के अधिकारियों ने अब तक क्ख्9 लोकसेवकों को रंगेहाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है । मतलब रिश्वतखोरो को पकड़ने के ट्रैक रिकार्ड में एसीबी की कोई सानी नहीं है। मगर इसके ठीक विपरीत एसीबी इन रिश्वतखोरों को सजा दिलाने में फेल साबित हो जा रही है। साक्ष्य के अभाव में एक के बाद एक क्ख् केसों में आरोपी इस वर्ष रिहा हो चुके हैं। भ्रष्ट लोकसेवकों की रिहाई के पीछे के कारण केसों की लंबे समय तक सुनवाई और समुचित साक्ष्य का अभाव होना ही है। यही वजह है की अपनी ही अदालत में एसीबी असफल हो जा रही है।

एक नजर अब तक रिहा हुए आरोपियों पर

- क्999 में रिश्वत लेते पकड़े गए बुढ़मू के सीडीपीओ एस के सिन्हा

-ख्00क् में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए अंचल अधिकारी राजीव रंजन

-ख्00ख् में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा

-ख्00ख् में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए बिजली विभाग के जेई एवं उनके सहायक

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धनबाद जीटी रोड पर अवैध वसूली के म् आरोपी बरी

इस केस के आरोपी धनबाद के तत्कालीन परिवहन विभाग के डीएसी प्रह्लाद प्रसाद सिंह, अवर निरीक्षक राणा विरेंद्र सिंह, बीएस होटल धनबाद के मालिक जगमेल सिंह, न्यू खालसा होटल के मालिक गुरुचरण सिंह उर्फ सेरा सिंह, प्रताप होटल धनबाद के मालिक चरण सिंह उर्फ चरनी सिंह और श्यामदेव सिंह को क्लीन चिट दे दी गई। हालांकि इन सारे केसों में अभियुक्तों को मिली रिहाई के बाद एसीबी गंभीर हो गई है। एसीबी एसपी मनोज कुमार सिंह की मानें तो ख्0क्म्-क्7 के दौरान पकड़े गए रिश्वतखोरों के केसों की अब स्पेशल मॉनिटरिंग कर स्पीडी ट्रायल कराने की नीति अपनाई जा रही है है, जिससे अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सके।