बीसीबी में एंटी रैगिंग सेल का कोई वजूद नहीं है, तो कैसे रुकेगी रैगिंग

यूजीसी और हाईकोर्ट के आदेश को मुंह चिढ़ा रहा बरेली कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन

<बीसीबी में एंटी रैगिंग सेल का कोई वजूद नहीं है, तो कैसे रुकेगी रैगिंग

यूजीसी और हाईकोर्ट के आदेश को मुंह चिढ़ा रहा बरेली कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली कॉलेज में रैगिंग क्यों न हो। यहां एंटी रैगिंग सेल है तो लेकिन पूरी तरह से निष्क्रिय है। तो ऐसे में रैगिंग करने वाले सीनियर स्टूडेंट्स सक्रिय तो होंगे ही। कैंपस में रैगिंग की घटनाओं के लिए विशेष रैगिंग सेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी घटनाओं की सुनवाई और जांच उसी के जिम्मे है, लेकिन बीसीबी के एंटी रैगिंग सेल का कोई वजूद ही नहीं है। इस सेल का कैंपस में प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। जबकि कैंपस में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के नम्बर का ही प्रचार किया गया है। नियमों के मुताबिक एंटी रैंगिग सेल के लिए अलग से स्पेशल नम्बर होने चाहिए, लेकिन बीसीबी में ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है।

यूजीसी के हैं कड़े नियम

यूजीसी के नियमों पर यदि गौर करें तो रैगिंग के रोकथाम के लिए काफी कड़े कदम उठाने के निर्देश हैं। कैंपस में प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अलावा अलग से एंटी रैगिंग सेल का गठन करने का निर्देश है। यही नहीं इसके लिए अलग से हेल्पलाइन नम्बर भी जारी करने को कहा गया है। यह हेल्पलाइन नम्बर हर किसी की जुबान पर इसके लिए सभी हॉस्टल परिसर समेत कैंपस के कोने-कोने में इसके प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं।

औचक निरीक्षण का निर्देश

रैगिंग के रोकथाम को लेकर यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि एंटी रैगिंग सेल समय-समय पर कैंपस व हॉस्टल का औचक निरीक्षण करेगा और पता लगाएगा कि कहीं पर रैगिंग को अंजाम तो नहीं दिया जा रहा है। यदि ऐसा पाया जाता है तो उसे अपने स्तर से इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने सभी कैंपस में रैगिंग अनुश्रवण समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। यह समिति एंटी रैगिंग सेल के ऊपर काम करती है और इसका मेन काम कैंपस का औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लेना होता है।

कागजी है एंटी रैगिंग सेल

बीसीबी में रैगिंग अनुश्रवण समिति का नामोनिशान ही नहीं है। दरअसल कॉलेज प्रशासन को इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है। ऐसे में औचक निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लेने का सवाल ही नहीं उठता। इसके अलावा जो एंटी रैगिंग सेल है वह पूरी तरह से निष्क्रिय है। एंटी रैगिंग सेल और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के चीफ डॉ। अजय शर्मा हैं। गत ख्भ् अगस्त को बीबीए क्लास में दो छात्राओं समेत भ् छात्रों के साथ रैगिंग हुई। दोनों छात्राओं के साथ छेड़खानी भी हुई। नियमों के अुनसार एंटी रैगिंग सेल को खुद ही इसकी जांच करनी चाहिए थी, लेकिन इस पूरे मसले पर इस सेल का रोल जीरो ही रहा। चीफ प्रॉक्टर को मौखिक में कंप्लेन की गई लेकिन बीसीबी एडमिनिस्ट्रेशन रिटन कंप्लेन के इंतजार में बैठा रहा। जबकि एंटी रैगिंग सेल को मात्र सूचना भर ही जांच व कार्रवाई करने के निर्देश हैं। यही नहीं कैंपस में कहीं भी एंटी रैगिंग सेल के बारे में जिक्र नहीं है और न ही इसकी अलग हेल्पलाइन नम्बर जारी की गई है।