-मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में एंटी टुबैको सेल छुड़ा रहा है एक रुपये में सिगरेट, पान और तंबाकू की लत

-सेल में हर दिन काफी संख्या में पहुंचकर लोग ले रहे सुझाव

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यदि सिगरेट और पान-गुटखा की लत नहीं छूट रही है तो फिर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। कहीं बाहर दूर दराज के शहरों में जाकर इलाज कराने की भी जहमत नहीं उठानी होगी। बनारस में ही आपके नशे का इलाज सिर्फ एक रुपये में हो रहा है। सिटी के एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में एंटी टुबैको सेल खुल चुका है। यहां आप एक रुपये की पर्ची कटाकर अपना नशा छुड़ा सकते हैं। पहले यह सेल वरूणा पार डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में संचालित था लेकिन अब इसे मंडलीय हॉस्पिटल के न्यू बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर पर शिफ्ट कर दिया गया है। यहां दवाओं के अलावा काउंसलिंग के जरिये लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। निकोटैक्स टेबलेट सहित अन्य दवाओं के बल पर नशे के लती लोगों को नशामुक्त बनाया जा रहा है। रोजाना 40-50 लोग नशा छुड़वाने के लिए पहुंच रहे हैं।

निकोटैक्स है सबसे ढ्डद्गह्यह्ल

सेल के काउंसलर अभय कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पान, गुटखा, तम्बाकू व सिगरेट का नशा करने वालों की काउंसलिंग की जाती है। उनके फैमिली बैक ग्राउंड के बारे में इंक्वायरी की जाती है, कब से नशा करना शुरू किये और क्या कारण है नशा करने का? आदि की जानकारी लेकर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है। लोग एकाएक तो नशा नहीं छोड़ते हैं लेकिन यदि वह समय-समय पर सेल में पहुंचते हैं तो लगभग पांच से छह माह में नशे से मुक्ति मिल जाती है। काउंसलर अभय बताते हैं कि नशा छोड़ने के लिए निकोटैक्स सबसे बेस्ट टैबलेट है। इसका टेस्ट हूबहू पान, गुटखा की तरह होता है, जिसके माध्यम से नशा छोड़ने में आसानी होती है।

और अवेयर करने की है जरूरत

अभी बहुत से लोगों को यह मालूम भी नहीं है कि नशा छुड़ाने के लिए एंटी टुबैको सेल का गठन किया गया है। यही कारण था कि एंटी टुबैको सेल पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में उतना कारगर साबित नहीं हुआ। हालांकि मंडलीय हॉस्पिटल में एंटी टुबैको सेल खुलते ही नशा छुड़वाने वालों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। रोजाना 40 से 50 लोग पहुंच रहे हैं। इस सेल में एक कंसल्टेंट, काउंसलर व सोशल वर्कर भी शामिल है।

एक रुपये की पर्ची पर नशा छुड़ाया जा रहा है। लोग पहुंच रहे हैं, उनकी काउंसलिंग की जा रही है। रोजाना लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

डॉ सौरभ प्रताप सिंह

इंचार्ज

एंटी टुबैको सेल, मंडलीय हॉस्पिटल