रिजर्व बैंक ने जारी की गाइडलाइन

आरबीआई ने सोमवार को इस बारे में गाइडलान जारी की. गाइडलाइन में कहा गया है कि किसी भी बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए इंडिया किसी भी जगह का एड्रेस प्रूफ लगाया जा सकता है. बैंकों की ओर से केवाईसी (नो योर कस्टमर्स) के नाम पर ग्राहकों को परेशान करने की शिकायतों को देखते हुए सेंट्रल बैंक ने यह कदम उठाया है.

किसे मिलेगा फायदा?

आरबीआई की इस गाइडलाइन से उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो पढ़ाई करनो या इंप्लॉयमेंट की तलाश में दूसरे शहरों का रुख करते हैं. इससे उन लोगों का भी फायदा है जिनकी टूरिंग जॉब है और जिनका बार-बार ट्रांसफर होता है. अब लोगों को नए एड्रेस प्रूफ के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ऐसे ही लोगों की तरफ से लगातार रिजर्व बैंक को कंप्लेन मिल रही थी. उनकी परेशानी को देखते हुए आरबीआई ने बैंकों को इंसट्रक्शन देते हुए कहा कि खाता खोलने या उसे अपडेट कराने के लिए अलग-अलग एड्रेस प्रूफ देने की जरूरत नहीं होगी.

सिंपल होगा प्रोसेस!

नया एड्रेस प्रूफ  छह महीने के अंदर जमा कराया जा सकेगा. अगर कोई लोकल एड्रेस प्रूफ नहीं दे पाए तो बैंक उस एड्रेस का एफिडेविट ले सकता है. ऐसे एड्रेस के लिए कोई डॉक्यूमेंट नहीं देना होगा. इस एड्रेस पर बैंक के लेटर, चेक बुक, एटीएम कार्ड भेजकर या फोन कर पहचान की जा सकती है. अगर ग्राहक के करेसपांडेस एड्रेस में कोई चेंज होता है तो उसे दो हफ्ते के भीतर नए एड्रेस की इंफॉर्मेशन देनी होगी. रिजर्व बैंक ने कहा है कि सभी बैंक अपनी केवाईसी नीति में नई गाइडलाइंस के मुताबिक ही काम करें.

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