- वायुसेना ने सबसे छोटी और पतली हवाई पट्टी पर उतारे ट्रांसपोर्ट और फाइटर

- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एयर शो ने जीता सबका दिल, थम गयी सांसें

- मिराज, सुखोई, जगुआर के साथ चार्ली 130 जे सुपर हरक्यूलिस ने दिखाया दम

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW : सुबह 10.13 बजे का वक्त, आसमान का सीना चीरते हुए आगरा एयरबेस से उड़ा चार्ली 130 जे सुपर हरक्यूलिस छह मिनट के भीतर उन्नाव के बांगरमऊ के नजदीक आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे की मजबूती परखने को बेताब था। एक्सप्रेस वे पर बने मोबाइल एयर ट्रैफिक कंट्रोल से ग्रीन सिग्नल मिलते ही देश के सबसे बड़े लड़ाकू मालवाहक जहाज ने एक्सप्रेस वे पर बनी डेडिकेटेड एयर स्ट्रिप को चूमा तो सबकी सांसें थम गयीं। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि दुनिया भर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाले यह जहाज यूपी की किसी सड़क पर भी उतर सकता है। अगला नजारा उन्हें और भी हैरान करने वाला था। जहाज का पिछला हिस्सा खुलते ही लोगों को लगा कि वे किसी युद्ध के मैदान में खड़े हैं।

नेवी सील नहीं अपने गरुण कमांडो

अमेरिका में बने हरक्यूलिस जहाज के पहिए जैसे ही थमे, उसका पिछला हिस्सा खुला और ताबड़तोड़ दस कमांडो ने नीचे आकर मोर्चा संभाल लिया। साथ ही हथियारबंद कमांडो से लदी एक जिप्सी गाड़ी भी उतारी गयी। दरअसल ये भारतीय वायु सेना के गरुण कमांडो थे जिन्हें लड़ाई के हर मोर्चे पर मजबूती के साथ डटे रहने की ट्रेनिंग दी गयी है। खतरनाक हथियारों से लैस कमांडो ने एयर स्ट्रिप के उस हिस्से पर कब्जा जमा लिया जहां पर जल्द ही एक के बाद एक करके फाइटर को टच डाउन करना था। एयर स्ट्रिप के दोनों तरफ से आने वाले किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए उन्होंने टारगेट ले रखा था। इसके बाद एयर शो परवान चढ़ने लगा। चार्ली 130 सुपर हरक्यूलिस ने वापस आगरा एयरबेस का रुख किया तो ग्वालियर से आए मिराज 2000 भी एक्सप्रेस वे को छूने को मचलने लगे। एक्सप्रेस वे पर मौजूद हजारों लोगों की भीड़ दिल थाम कर उनके उतरने का इंतजार करने लगी।

आसमान में लिखा विक्टरी

एयर शो में टच डाउन ऑपरेशन की शुरुआत फ्रांस में बने मिराज 2000 फाइटर (वज्र) से हुई। तीन फाइटर प्लेन ने पहले एक्सप्रेस वे के ऊपर आसमान में 'वी' (विक्टरी) फॉर्मेशन बनाकर अपनी ताकत का नमूना पेश किया। इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से एक-एक करके नौ बार मिराज 2000 प्लेन एक्सप्रेस वे की जमीन को टच करके वापस आसमान में गुम होने लगे। उनकी तेज आवाज लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही थी और वे टकटकी लगाकर एक्सप्रेस वे को चूमने आ रहे फाइटर का इंतजार कर रहे थे। कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के बंकरों को नेस्तनाबूद करने वाले मिराज 2000 ने नौ बार एक्सप्रेस वे को छुआ और वापस ग्वालियर का रुख कर लिया। इसके बाद बारी बरेली से आए सुखोई 30 एमकेआई की थी जिसकी ताकत का लोहा पूरी दुनिया मानती है।

सुखोई से मत टकराना

बीती 21 नवंबर की तरह एक्सप्रेस वे पर एक बार फिर सुखोई विमान ने अपने कदम रखे तो लोगों को यकीन हो गया कि हमारी सरहदों की सुरक्षा करने के लिए भारतीय वायुसेना खासा दम रखती है। रूस में बने डबल इंजन वाले इस शक्तिशाली फाइटर ने बिजली की तरह एक्सप्रेस वे को छ़ुआ। उसकी एक झलक पाने के लिए लोग एक्सप्रेस वे पर बनी बैरीकेटिंग की परवाह भी नहीं कर रहे थे। तेज आवाज के साथ सुखोई का एक्सप्रेस वे पर इस्तकबाल वायुसेना के साथ आम जनता के हौसलों को भी परवान चढ़ा रहा था। चंद सेकंड के भीतर उनकी आमदरफ्त लोगों की धड़कनों को बढ़ा रही थी। बरेली से आए पांच सुखोई आसमान में गोता लगाने के साथ नीचे आए और अपनी झलक दिखाकर फिर आसमानी चादर में गुम हो गये।

जगुआर नहीं किसी से कम

भले ही भारतीय वायुसेना को सबसे ज्यादा जगुआर विमानों के दुघर्टनाग्रस्त होने का मलाल है, इसके बावजूद सेना को अपने इस फाइटर पर आज भी उतना ही यकीन है। यही वजह है कि जगुआर को एयर शो का हिस्सा बनाने के लिए गोरखपुर से तीन फाइटर बुलाए गये थे। गहरे हरे रंग में लिपटे जगुआर ने जैसे ही एयर स्ट्रिप को छूना शुरू किया, एयर शो अपने मकसद में कामयाब होता दिखने लगा। तेज कंपन के साथ जगुआर जैसे ही लोगों के सामने से होता हुआ वापस उड़ान भरने लगा तो लोगों ने तालियों के साथ उसकी हौसलाअफजाई की। भारतीय सेना के कई ऑपरेशंस में अहम भूमिका निभा चुके जगुआर की तेजी बता रही थी कि वह आज भी उतना ही जवान है जितनी हमारे देश की सेना है।

और ऑपरेशन खत्म

एयर शो का अंत एक बार फिर रोमांचक अंदाज में हुआ और चार्ली 130 जे सुपर हरक्यूलिस अपना काम पूरा करने आ गया। दोबारा फिर छह मिनट के भीतर उसने आगरा एयर बेस से आकर एक्सप्रेस वे की जमीन को छुआ। उसके थमते ही गरुण कमांडो और हथियारबंद जिप्सी वापस उसमें समा गये। इसके बाद उसने उड़ान भरने के लिए अपनी ताकत समेटी तो लोगों को लगा कि जैसे कोई तूफान आ गया हो। पूर्व से आकर पश्चिम की ओर उड़ा हरक्यूलिस इतने पर ही थमने वाला नहीं था और उसने वापसी का रुख किया और एक्सप्रेस वे के बेहद करीब से नीची उड़ान भरते हुए लोगों को यह दिखा दिया कि उससे ज्यादा ताकतवर जहाज फिलहाल कोई नहीं है।

फैक्ट फाइल

- 10.13 बजे से एयर शो का आगाज

- चार्ली 130 जे हरक्यूलिस ने सबसे पहले दिखाया दम

- 09 बार मिराज 2000 ने एक्सप्रेस वे पर किया टच डाउन

- 05 बार सुखोई 30 एमकेआई ने परखी एक्सप्रेस वे की ताकत

- 03 बार जगुआर ने एक्सप्रेस वे पर किया कदमताल

- 03 घंटे तक चला एयर फोर्स का सबसे बड़ा एयर शो

- 3.3 किमी लंबी एक्सप्रेस वे की एयर स्ट्रिप

- 33 मीटर चौड़ी है एक्सपे्रस वे की एयर स्ट्रिप

- 06 बार फाइटर प्लेन ने बीती 21 नवंबर को एक्सप्रेस वे को किया था टच