क्कन्ञ्जहृन्: गंगा नदी पर बनने वाले दीदारगंज-राघोपुर के बीच सिक्स लेन ग्रीन फील्ड पुल निर्माण के मुद्दे पर विधान परिषद में सोमवार को पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने मंगल पांडेय के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि 317 एकड़ के विरुद्ध 186 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर संवेदक को उपलब्ध करा दी गई है। कार्य प्रारंभ करने के लिए 45 प्रतिशत जमीन ही चाहिए, जबकि इस मामले में 60 प्रतिशत भूमि उपलब्ध करा दी गई है.पुल का निर्माण 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

हल्ला तब मच गया जब यादव ने कहा कि सुशील मोदी मुझे सभी विभागों की समीक्षा करने की सलाह देते हैं जबकि खुद जब वे उपमुख्यमंत्री थे तो पुल तो बने किन्तु एप्रोच रोड नहीं बने। समीक्षा करते तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपकी गलत नीतियों को हम सुधारने में लगे हैं। इस पर मोदी ने कहा कि बिहार में एनडीए सरकार से भाजपा के हटने के बाद सालभर तक मुख्यमंत्री स्वयं पथ निर्माण विभाग के प्रभार में थे। बाद में मांझी सरकार में ललन सिंह मंत्री थे। इस दौरान काम नहीं हुआ तो वे लोग जिम्मेवार होंगे। मोदी ने यहां तक कहा कि आपकी माता जी व पिता जी के शासन काल में सड़कों का क्या हाल था। इस पर सदन में मौजूद राबड़ी देवी ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुझे काम करने नहीं दिया गया। दो बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। रोड का काम देखकर विपक्ष को पच नहीं रहा है। महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। बाद में मोदी ने कहा कि यादव अन्य विभागों के कार्याें की समीक्षा नहीं कर सकते हैं व निर्देश भी नहीं दे सकते हैं। उनके जिम्मे वित्त विभाग रहता तो वे ऐसा कर सकते थे।