-15.65 करोड़ की लागत से सेब की मंडी खोलने की तैयारी

-मंडी खुलने के बाद सेब उत्पादकों को मिलेगा लाभ

DEHRADUN: राज्य में सेब के उत्पादन के लिए अग्रणी माने जाने वाले उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में अब सेब की मंडी खुलेगी। करीब 15.65 करोड़ की लागत से मंडी बनाई जाएगी। यह सेब उत्पादकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। इसके बाद सस्ते दामों पर हिमाचल जाने वाला सेब राज्य के बाजारों तक पहुंच पाएगा और काश्तकारों को बेहतर मुनाफा होगा। इसके साथ ही अब हर्षिल के पास आईक्यूएफ (इंडिवीजुअल क्विक फ्रोजनन) यूनिट की भी स्थापना हो चुकी है, इसके जरिए अब सोल्टिंग की शुरुआत की जाएगी।

सस्ते दामों पर बिकता था सेब

उत्तरकाशी जिला सेब के उत्पादन में सबसे आगे है, लेकिन काश्तकारों को इसका उतना मुनाफा नहीं मिलता जितना वे मेहनत करते हैं। इसका फायदा बाहरी व्यापारी उठाते हैं और उनसे सस्ती दरों पर सेब खरीदकर महंगे दामों पर उत्तराखंड में ही बेचते हैं। लेकिन, अब मंडी बोर्ड ने उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के आराकोट में सेब मंडी खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस मंडी के खुलने पर न केवल सेब स्टोर हो सकेंगे, बल्कि किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। मोरी से हिमाचल की दूरी नजदीक होने के कारण उत्तरकाशी का सेब हिमाचल व दिल्ली की मंडियों तक पहुंच जाता है। मंडी बोर्ड स्वीकार रहा है कि मंडियों में पहुंचने वाले सेब की कुछ प्रजातियों में सेब उत्तराखंड का और लेबल हिमाचल का होता है और इसे खूब पसंद भी किया जाता है। इसे देखते हुए सेब मंडी की कवायद शुरू की गई है।

पैकिंग, ग्रेडिंग की होगी सुविधा

मंडी बोर्ड के उप महाप्रबंधक एके मिश्रा के अनुसार हर्षिल के नजदीक झाला में आईक्यूएफ (इंडिविजुवल क्विक फ्रोजनन) यूनिट की स्थापना भी की जा रही है। आठ करोड़ की लागत से तैयार होने वाला आईक्यूएफ सेब के लिए लाभकारी होगा। जहां से सेब की न केवल बेहतर पैकिंग होगी, बल्कि ग्रेडिंग भी होगी। मंडी बोर्ड का कहना है कि अकेले झाला इलाके में क्ख्00 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हो रहा है। गौरतलब हो कि इस वक्त राज्य में करीब ख्भ् मंडियां मौजूद हैं। इसके बाद नरेंद्र नगर में भी एक और मंडी के खुलने पर मंजूरी मिल गई है।