RANCHI : बिल्डर्स व डेवलपर्स को बड़ी राहत मिली है। सरकार ने रियल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देने की मियाद 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले आवेदकों से 31 अगस्त तक आवेदन लिए गए थे। मालूम हो कि रजिस्ट्रेशन में व्याप्त पेंच को देखते हुए बिल्डर्स एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाने की मांग की थी।

मिले हैं बहुत कम आवेदन

रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए जुडको को 332 आवेदन मिले हैं। जबकि, सिर्फ रांची में ही 1200 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं, जिनमें कुछ बन चुके हैं तो कुछ का निर्माण कार्य चल रहा है। वैसे, आवेदन देने वालों में सबसे ज्यादा बिल्डर रांची के हैं। इसके अलावा धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो और हजारीबाग से भी डेवलपर्स ने अपने प्रोजेक्ट के आवेदन जमा किए हैं।

आवेदन ले रहे, पर रजिस्ट्रेशन का पता नहीं

रेरा के तहत जुडको में प्रोजेक्ट के लिए आवेदन तो जमा लिए जा रहे हैं, लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन कब होगा और बिल्डर्स को रजिस्ट्रेशन नंबर कब मिलेगा, इसकी कोई तारीख तय नहीं की गई है। इस बाबत पूछे जाने पर भी बिल्डर्स व डेवलपर्स को ऑफिस कर्मियों की ओर से कोई सटीक जानकारी नहीं दी जा रही है। यहां आवेदन लेने के लिए एक कर्मचारी को डिप्यूट किया गया है। उसका काम सिर्फ आवेदन लेना व रिसिविंग देना है।

बिल्डर्स-डेवलपर्स की क्या है डिमांड

बिल्डर्स व डेवलपर्स ने सरकार से डिमांड की है कि वर्तमान में जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उसका ही रजिस्ट्रेशन रेरा के तहत किया जाए। पुराने प्रोजेक्ट को इससे छूट दी जाए। इतना ही नहीं, 31 मार्च 2017 के पहले के जिन प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिल चुका है, उसे भी इससे बाहर रखा जाए। अप्रैल के बाद के ही प्रोजेक्ट का ही रेरा के तरह रजिस्ट्रेशन हो।

रजिस्ट्रेशन में क्या आ रही अड़चन

-पहले से बने अपार्टमेंट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट भी रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन में देना है। लेकिन बिल्डर यहां से चले जा चुके हैं और फ्लैट में लोग लंबे समय से रह रहे हैं, वे इसका ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट कहां से लाएंगे।

-रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन का जो फॉर्मेट है, वह काफी पेचीदा है। इसमें इतने कॉलम हैं, जिन्हें भरने को लेकर बिल्डर्स के सामने तकनीकी अड़चन आ रही है।

-डॉक्यूमेंट्स को रेरा की वेबसाइट पर अपलोड करने में भी काफी वक्त लग रहा है। अगर कोई जानकारी गलत अपलोड हो जाए तो जुर्माना भी देना होगा।

-रेरा के तहत रजिस्ट्रेशन की ज्यादातर बिल्डर्स को जानकारी नहीं है। वे यह भी नहीं जानते कि रेरा क्या है इतना ही नही, बिल्डर्स को इसकी जानकारी देने के लिए किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया।

दो बार बढ़ चुकी है आवेदन की मियाद

इस साल एक मई से ही देशभर में रेरा लागू है। इसके तहत सभी राज्य सरकारों को रियल इस्टेट अथॉरिटी बनाकर रजिस्ट्रेशन कराना है। झारखंड में 27 जुलाई से रेरा के तहत बिल्डर्स का रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया। इसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई तय की गई थी। कम समय मिलने की वजह से बिल्डर्स ने इसकी तारीख बढ़ाने की मांग की थी। बिल्डर्स की परेशानियों को देखते हुए ही जुडको ने रेरा में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 31 अगस्त तक बढ़ा दी थी। अब रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 30 नवंबर तक के लिए फिर बढ़ा दी गई है।