- संस्कृत यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज में अप्वॉइंटमेंट के लिए कैंडीडेट्स से सिर्फ कराया सिग्नेचर

- वीडियो से हुआ खुलासा, रजिस्ट्रार ने की नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति, एक्सप‌र्ट्स पर उठे सवाल

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजेज में टीचर्स की नियुक्ति पर लंबे समय से सवाल उठ रहा है। अब एक नया खुलासा हुआ है। इसमें इंटरव्यू में कैंडीडेट से बिना सवाल जवाब के ही नियुक्त करने की शिकायत है। खास बात यह कि चयन समिति के मेंबर्स ने कैंडीडेट्स से कोई सवाल नहीं पूछा और न ही अभ्यर्थियों ने कोई जवाब दिया। बावजूद विशेषज्ञों ने प्रिंसिपल पद एक अभ्यर्थी के चयन की संस्तुति कर दी। मौन साक्षात्कार के आधार पर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड आर्य संस्कृत महाविद्यालय, किरठल बागपत में प्रिंसिपल की नियुक्ति भी हो गई। कम्प्लेन के आधार पर इस बात का खुलासा इंटरव्यू के वीडियो से हुआ। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे गंभीरता से लिया है। इस बात की जांच के लिए रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी व वीसी के ओएसडी डॉ। राजेंद्र प्रसाद मिश्र ने बुधवार को इंटरव्यू का वीडियो भी देखा। वीडियो से आरोप सही पाए गए। इंटरव्यू के दौरान चयन समिति के मेंबर व अभ्यर्थी दोनों पूरी तरह मौन दिखे। साक्षात्कार के नाम पर एक्सपर्ट कैंडीडेट्स के सिर्फ सिग्नेचर ही करा रहे थे। रजिस्ट्रार ने बताया कि वीसी से प्रिंसिपल की नियुक्ति निरस्त करने की संस्तुति की गई है। इसके अलावा चयन समिति को भी निरस्त करने को लिखा गया है।

फिर उठा चयन समिति पर सवाल

अनियमित तरीके से संस्कृत कॉलेजेज में टीचर्स की नियुक्ति का आरोप पहले भी लग चुका है। इस संबंध में रजिस्ट्रार वीसी व शासन को भी लेटर लिख चुके हैं। अब इंटरव्यू के एक वीडियो में रजिस्ट्रार के आरोप की पुष्टि भी हो गई है। यह तो एक बानगी है। दावा कि प्रॉपर जांच हो जाए तो ऐसे कई मामले उजागर हो सकते हैं।