-टूरिस्ट्स को लेकर ऑटो चालकों का रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन

-ऑटो चालकों ने पर्यटकों को नहीं भ्रमण करने दिया बसों से

-ऑटो चालकों के दबंगई से टूरिस्ट्स दिखे मजबूर, हुए परेशान

HARIDWAR (JNN) : चारधाम यात्रा को धर्मनगरी पहुंचे आठ सौ श्रद्धालुओं को हरिद्वार-ऋषिकेश भ्रमण को धर्मनगरी में ऑटो चालकों के कोप का शिकार होना पड़ा। ऑटो यूनियन और बस चालकों की आपसी राजनीति और झगड़े के चलते यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर भरी धूप में घंटों खड़े रहना पड़ा। ताज्जुब इस बात का रहा कि दो घंटे तक चले इस घटनाक्रम में कोई भी सरकारी या प्रशासनिक अमला टूरिस्ट्स की सहायता को मौके पर नहीं पहुंचा।

ऑटो चालकों ने किया प्रदर्शन

सैटरडे को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर चारधाम यात्रा की शुरुआत में आठ सौ तीर्थयात्रियों के साथ जो कुछ हुआ। वह यह साबित करता है कि सरकार और प्रशासन दोनों में तालमेल का अभाव है। घटनाक्रम के अनुसार शनिवार को सुबह करीब दस बजे हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर चारधाम यात्रा को देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे आठ सौ तीर्थयात्रियों ने हरिद्वार भ्रमण को जैसे बसों में बैठना शुरू किया, बड़ी संख्या में ऑटो चालकों ने उन्हें घेर लिया। उनका कहना था कि वे इन यात्रियों को बसों से हरिद्वार भ्रमण नहीं करने देंगे। क्योंकि इन्हें भ्रमण को ले जा रही कुछ बसें स्कूली बच्चों को भी लाने-ले-जाने का काम करती है। अपनी मांग को लेकर इन्होंने मौके पर ही प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

यात्रियों से भी भिड़े चालक

यात्रियों ने इसका विरोध किया तो उनसे भी भिड़ गए। ऐलान कर दिया कि हरिद्वार भ्रमण करना है तो उनके ऑटो से ही करना होगा, नहीं तो उन्हें हरिद्वार भ्रमण नहीं करने दिया जाएगा। ऑटो चालकों की दबंगई के चलते उन्हें मजबूरन सौ के करीब ऑटो से अलग-अलग पहले प्रेमनगर आश्रम, उसके बाद हरिद्वार भ्रमण को जाना पड़ा। ऑटो चालकों की दबंगई और सरकारी व्यवस्था न होने के कारण उन्हें ऑटो चालकों की जिद्द के आगे झुकना पड़ा। किसी की एक न चली, सभी यहां पर पर्यटक सुरक्षा और सुविधा के अभाव को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार को कोसते नजर आए।

यात्रियों को उठानी पड़ी परेशानी

बसों व ऑटो चालकों के आपसी मतभेद के चलते जबलपुर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिलासपुर से हरिद्वार पहुंचे यात्रियों को परेशानियों को सामना करना पड़ा। ऑटो चालकों के प्रदर्शन के चलते यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर ही घंटों इंतजार करना पड़ा। दल में शामिल श्याम नारायण निवासी बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का कहना था कि उन्होंने बिलासपुर से ही एक टूर एजेंसी से हरिद्वार सहित अन्य जगह घूमने के लिये टिकट बुक कराये थे। लेकिन हरिद्वार पहुंचकर उन्हें ऑटो चालकों के अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा।

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रही अफरा-तफरी का माहौल

ऑटो चालकों के हंगामे के दौरान रेलवे स्टेशन परिसर में अफरा-तफरी का माहौल रहा। बाहर से आए अन्य यात्रियों को भी ऑटो चालकों के इस हंगामे का शिकार होना पड़ा। आरोप है कि ऑटो चालकों के हंगामे के कारण रिक्शे वालों ने भी उनसे मनमाना किराया वसूला।

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न ऑटो रूट तय, न किराया

चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। धर्मनगरी में यात्रियों का आना भी शुरू हो गया है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम ने न तो ऑटो के रूट तय किए हैं और न ही उनका किराया। इसके चलते यहां आने वाले यात्री आए दिन उनकी मनमर्जी का शिकार हो रहे हैं। नियमानुसार ऑटो के रूट तय होने चाहिए, ऑटो तय रूट पर ही चलेंगे। साथ ही हर रूट पर उनका किराया भी तय रहता है। यह निर्धारण प्रशासन और नगर निगम करते हैं। तय व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक ऑटो में उसका निर्धारित रूट, किराया सूची और आपातकाल सहायता नंबर का होना जरूरी है। पर, धर्मनगरी में प्रशासन व नगर निगम ने यह व्यवस्था नहीं की है।

फोटो- 9 से क्7