- झारखंड के जमताड़ा से एटीएम कार्ड से फ्रॉड का नेक्सेस चला रहे गैंग

- जिले में भी हर माह कई लोग बन रहे शिकार, पड़ताल करने जाएगी पुलिस टीम

GORAKHPUR: मोबाइल पर फोन कर एटीएम कार्ड का नंबर पूछकर बैंक अकाउंट से नकदी उड़ाने वाले गिरोह से निपटने की तैयारी शुरू हुई है। जिले में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए गोरखपुर पुलिस व्यापक जागरुकता अभियान चलाने की तैयारी में जुटी है। एटीएम कार्ड फ्रॉड के शिकार लोगों के मुकदमों की कार्रवाई पूरी करने के लिए तेज-तर्रार पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम जमताड़ा जाने की तैयारी कर रही है। एसएसपी का कहना है कि झारखंड के जमताड़ा में एटीएम कार्ड का नंबर पूछकर ठगी करने वालों का संगठित गिरोह काम करता है।

तीन मिनट में पूरा अकाउंट साफ

पुलिस रिपो‌र्ट्स के मुताबिक झारखंड के जमताड़ा, देवघर और गिरीडीह में ट्रेंड युवकों की टीम साइबर फ्रॉड का नेटवर्क चलाती है। सुबह नौ बजे युवक अपने काम पर पहुंच जाते हैं। अलग-अलग राज्यों के मोबाइल नंबर के शुरूआती चार अंकों के आधार पर तुक्के के आधार पर नंबर लगाकर कॉल करते हैं। उनके पास कुछ मोबाइल नंबर्स का डाटा भी मौजूद रहता है। एक दिन में दो सौ, तीन सौ और चार सौ कॉल करने पर एक शिकार उनके जाल में फंसता है। फोन बैंकिंग के नाम, हेल्पलाइन और कार्ड ब्लॉक होने के नाम पर एटीएम कार्ड नंबर-सीवीवी और पिनकोड पूछकर तीन मिनट में अकाउंट से रुपए का ट्रांजेक्शन कर देते हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि हर मोहल्ले में एटीएम से फ्रॉड करने वाला गैंग सबको परसेंटेज के हिसाब से कमीशन भी देता है।

ऐसे चलता है नेटवर्क

ठगी में इस्तेमाल लाए जाने वाले सिम का‌र्ड्स गलत नाम और पते पर लिए जाते हैं। पुलिस का कहना है कि तीन से चार सौ रुपए में सिम कार्ड खरीद जालसाज इस्तेमाल करते हैं। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर सहित कई जगहों पर उनको आसानी से सिम कार्ड मिल जाता है। सिम एक्टिवेट करने के बाद तीन टीम काम करती है। पहली टीम डाटा कलेक्टर की होती है। दूसरी टीम बात करके ग्राहक फंसाने और तीसरी टीम अकाउंट से पैसे का ट्रांजेक्शन करती है। इसमें डाटा कलेक्टर को 30 परसेंट, बात करके ग्राहक फांसने वाले को 50 और निकासी वाले युवक को 20 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है। पूर्व में हुई घटनाओं के सिलसिले में जमताड़ा का चक्कर लगा चुके पुलिस कर्मचारी ठगों की हरकत देखकर हैरान हो चुके हैं।

सतर्क रह खुद को रखें सेफ

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जमताड़ा जैसी जगहों पर चलने वाले साइबर क्राइम को कंट्रोल करने में तमाम मुश्किलें हैं। लेकिन मामूली सी सावधानी बरतकर इसे रोका जा सकता है। बैंक की ओर से कभी किसी ग्राहक से एटीएम कार्ड का पिन कोड, पासवर्ड, अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर, ओटीपी और यूजर आईडी नहीं पूछी जाती है। बैंक के नाम पर किसी तरह की कॉल आने पर पुलिस को सूचना देकर मदद ली जा सकती है।

फैक्ट फिगर

जिले में हर माह सामने आ रहे मामले - 70 से 130

अकाउंट से होने वाली निकासी- चार से पांच लाख रुपए

रोजाना आने वाली फ्रॉड कॉल - 30 से 40

पुलिस से रोजाना होने वाली शिकायत- 03 से 05

वर्जन

फोन कॉल कर रुपए निकालने की वारदातें थम नहीं रही हैं। इस तरह की कॉल आने पर उनको अवॉइड कर दें। कोई बार-बार फोन करे तो उसके बारे में पुलिस को सूचना दे सकते हैं। अपने अकाउंट से संबंधित कोई सूचना कतई किसी को न दें। जिले में दर्ज मुकदमों की पड़ताल में पुलिस टीम जमताड़ा भेजी जाएगी।

- सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी