स्लग: मामला अरगोड़ा-पुंदाग रोड का, 60 परसेंट के बाद एजेंसी ने ठप किया काम

-मंत्री, एमएलए, मेयर कोई नहीं सुन रहा आम लोगों की फरियाद

-जमशेदपुर की एक कंपनी को मिला था ठेका

RANCHI (22 Oct): सिटी की सड़कों की स्थिति तो आजतक सुधर नहीं सकी। वहीं, जो सड़कें बन रही थीं, उसका भी काम बीच में ही बंद कर दिया। हम बात कर रहे हैं अरगोड़ा-पुंदाग पथ की, जहां चार साल में भी पांच किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं कराया जा सका है। 60 फीसदी काम करने के बाद जमशेदपुर की एजेंसी ने काम बंद कर दिया है। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने विधायक से लेकर मंत्री तक से गुहार लगाई। लेकिन आश्वासन के सिवा लोगों को कुछ हासिल नहीं हुआ।

18 करोड़ का बजट

अरगोड़ा चौक से पुंदाग होते हुए रिंग रोड तक पांच किलोमीटर सड़क का बजट 18 करोड़ रुपए था। इस रोड में दो पुल भी बनाए जाने थे। इसकी समय सीमा 2017 खत्म हो रही है। इसका काम जमशेदपुर की एक कंपनी को दिया गया था। रोड का काम कैसर खान कांट्रैक्टर देख रहा था। लेकिन पिछले कई महीनों से इस रोड का काम ठप पड़ा है।

बॉक्स

45 दिन में काम कराने की कहीं थी बात

स्थानीय लोगों ने मंत्री सीपी सिंह, विधायक, मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के पास भी गुहार लगाई। इसके बाद रोड का काम देख रहे एसडीओ अशोक कुमार पासवान को भी इसके बारे में जानकारी दी। जहां जूनियर इंजीनियर के सामने भी लोगों ने हाथ-पैर जोड़े। लोगों ने बताया कि रोड खराब होने के कारण कैसे गाडि़यां पलट जा रही हैं और लोग भी गिरकर घायल हो रहे हैं। यह सुनकर 45 दिनों में रोड का काम पूरा कराने का आश्वासन मिला। लेकिन आजतक कोई देखने भी नहीं आया।

People connect

ख्0क्ब् में इस रोड का काम शुरू हुआ था। तब हमलोगों को उम्मीद थी कि रोड बन जाने से काफी राहत मिलेगी। लेकिन काम ठप होने के बाद से स्थिति नारकीय हो गई है। आखिर ऐसे लोगों को काम ही क्यों देती है सरकार। कांट्रैक्टर तो काम ही कराने नहीं आता। मंत्री अधिकारी भी केवल आश्वासन देते हैं। इसका जवाब जनता चुनाव में देगी।

तौशिफ खान

चार साल में जब ये लोग पांच किलोमीटर रोड नहीं बना सकते तो सिटी को क्या स्मार्ट बनाएंगे। इसी चक्कर में तो पूरा शहर ही बर्बाद कर दिया है। अरगोड़ा पुंदाग रोड भी विकास की भेंट चढ़ गया। जहां काम तो शुरू हुआ लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा सका।

मुख्तार खान

रोड बनाने का काम तो चालू हुआ लेकिन पूरा कब होगा यह कोई नहीं जानता। ख्0क्7 में काम पूरा होना था लेकिन यहीं स्थिति रही तो अगले पांच साल में भी काम पूरा नहीं हो पाएगा। सरकार ऐसे लोगों को काम ही क्यों देती है जो पूरा नहीं कर पाते। इन लोगों से काम में देर होने पर फाइन भी लगाना चाहिए।

आरफी आजमी

शहर को विकास के नाम पर नर्क बनाकर छोड़ दिया गया है। इसके बावजूद नए-नए काम शुरू कर दिए जा रहे है। पहले सो चल रहे काम के पूरा होने तक नए काम को शुरू नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी हाल में इसका खामियाजा पब्लिक को ही भुगतना पड़ता है। सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है।

नवाज नूर