RANCHI : झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के पास पाकिस्तान से हथियार पहुंच रहा है। पुलिस को ऐसे कई हथियार और कारतूस मिल चुके हैं, जिसपर पाकिस्तान मेड की मुहर है। नक्सलाइट्स के पास से पाकिस्तानी आ‌र्म्स मिलना कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि उनका आतंकवादियों से संबंध है। इस बाबत केंद्रीय खुफिया ब्यूरो पहले ही चेतावनी दे चुकी है कि आईएसआई और प्रतिबंधित संगठन सिम्मी नक्सली संगठनों के साथ संपर्क बनाने की फिराक में है।

कॉरिडोर से जुड़ा है सिंहभूम

नक्सलियों के द्वारा बनाए गए आंध्र प्रदेश से लेकर नेपाल तक के कॉरिडोर से झारखंड के सिंहभूम इलाका भी जुड़ा हुआ है। सिंहभूम के जंगलों से होते हुए यहां के नक्सलियों का संबंध दूसरे राज्यों के नक्सली संगठनों व विदेशों के आतंकी संगठनों से है। इसके अलावा संथाल परगना का इलाका बांग्लादेश के बॉर्डर से सटा है। इन्हीं रास्तों के जरिए विदेशों से नक्सलियों के पास हथियार पहुंच रहा है।

बरामद हो चुके हैं विदेशी हथियार

करीब एक साल पहले सिमडेगा जिले से पाकिस्तान में बने कारतूस पुलिस ने बरामद किए थे। इसके अलावा हजारीबाग जिले से अमेरिकन राइफल और बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने से यह साबित हो गया था कि नक्सलियों का विदेशों से भी तार जुड़ा है। खुफिया विभाग को आशंका है कि कहीं न कहीं आतंकी संगठन ही यहां के नक्सली संगठन को हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं।

पाकुड़ से घुसने के छह रास्ते

पाकुड़ में छह रास्ते हैं, जिसके जरिए आतंकवादी अथवा घुसपैठिए झारखंड में आसानी से घुस सकते हैं। इन्हीं रास्तों के जरिए ही बांग्लादेश व पाकिस्तान से हथियारों का अवैध कारोबार होता है। इस काम के लिए आतंकी संगठन स्थानीय लोगों का सहयोग लेते हैं, ताकि पुलिस को किसी तरह का शक नहीं हो। जिन रास्तों से आतंकी अथवा हथियार झारखंड आते हैं उसमें धुलियान- पाकुड़ रोड, हिरणपुर-कोटलापोखर रोड, गोपालग्राम- राजग्राम, पाकुडि़या- रामपुर हाट पथ और महेशपुर- सोनारापाड़ारोड शामिल है।

ऐसे आ सकते हैं आतंकी (बॉक्स)

पाकुड़ में झारखंड और बांग्लादेश से होकर गुजरने वाली गंगा नदी का इस्तेमाल आतंकी संगठन यहां हथियारों की खेप पहुंचाने के लिए कर रहे हैं। सबसे पहले आतंकी बांग्लादेश के मुर्शिदाबाद आते हैं। इसके बाद गंगा नदी में स्टीमर अथवा नाव के जरिए पाकुड़ आते हैं। यहीं पर विदेशी हथियारों का डिस्ट्रिब्यूशन होता है। इसके बाद झारखंड समेत देश के कई इलाकों में हथियारों की सप्लाई की जाती है।