- सरहद पर तैनात करीब 3600 आईटीबीपी जवानों को नहीं मिल रही चीनी

- आईटीबीपी डीआईजी ने डीएसओ से 1257.21 क्विंटल चीनी मुहैया कराने को कहा

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BAREILLY:

बीएसएफ में जवानों को घटिया खाना मिलने के लगे आरोपों के बीच आईटीबीपी जवानों को चाय के लिए चीनी न मिलने का बड़ा मामला सामने आया है। जवानों के लिए चीनी की किल्लत पिछले दो महीने से बनी हुई है। डीआईजी आईटीबीपी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जवानों का मनोबल बनाए रखने के लिए चीनी की आपूर्ति बेहद जरूरी है। चीनी की आपूर्ति के लिए डीआईजी ने डीएसओ केएल तिवारी से डिमांड की, लेकिन निराशा हाथ लगी।

खाने का स्वाद हुआ फीका

चाइना बॉर्डर पर इस समय आईटीबीपी की तीन बटालियन के जवान तैनात हैं। इनमें 7 वीं बटालियन मिर्थी जिला पिथौरागढ़, 14 वीं बटालियन जाजरदेवल जिला पिथौरागढ़ और 36 वीं बटालियन लोहाघाट जिला चम्पावत। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन तीनों बटालियन के करीब 3600 जवान भारत-चीन के सरहद पर तैनात हैं, जो दिन-रात ड्रैगन पर नजर गड़ाए हुए हैं। इन जवानों को चाय, दूध, दही और अन्य चीजें खाने-पीने के लिए 1257.21 क्विंटल चीनी की जरूरत हैं, लेकिन पिछले दो महीने से इन्हें चीनी उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

आईटीबीपी के डीआईजी ने तीनों बटालियन के लिए चीनी मुहैया कराने के लिए डीएसओ को 18 अप्रैल को लेटर लिखा था। डीएसओ को लिखे लेटर में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि इन बटालियन के लिए 2017-2018 के लिए चीनी नहीं है चीनी की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रशासनिक कारणों से नहीं हो पायी है, जिस कारण इन बटालियन की अग्रिम चौकियों में तैनात जवानों के लिए जरूरत के हिसाब से चीनी की आपूर्ति नहीं हो पायी है। अत: बरेली मुख्यालय के अधीन सीमा चौकियों में तैनात बटालियन को यथाशीघ्र उपलब्ध कराने की प्रयास करें।

ताकि मनोबल न हो कम

चीनी की कमी से सरहद पर तैनात जवानों का मनोबल भी टूट रहा है। आईटीबीपी के डीआईजी ने कहा कि जवानों के लिए आवश्यकता के अनुसार चीनी की आपूर्ति नहीं हो पायी है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण कियो जाने की आवश्यकता है, ताकि विषम परिस्थितियों में सरहद पर तैनात जवानों का सेवा के प्रति मनोबल बना रहे।

डीएसओ ने हाथ खड़े किये

डीएसओ को 18 अप्रैल को चीनी मुहैया कराने के लिए आईटीबीपी का लेटर प्राप्त हुआ था। चीनी का क्या हुआ इस संबंध में जानकारी लेने के लिए मंडे को आईटीबीपी का एक जवान डीएसओ कार्यालय पहुंचा हुआ था, लेकिन डीएसओ ने चीनी उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोटे की चीनी की सप्लाई एक अप्रैल से बंद कर दी गई है। ऐसे में सप्लाई ऑफिस चीनी उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है।

सीमांत वाहिनी - चीनी की मांग

7 वीं वाहिनी मिर्थी जिला पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) - 433.45 क्विंटल

14 वीं वाहिनी जाजरदेवल जिला पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) - 422.45 क्विंटल

36 वीं वाहिनी लोहाघाट जिला चम्पावत (उत्तराखंड) - 401.31 क्विंटल

टोटल - 1257.21 क्विंटल

भारत-चीन सरहद पर तैनात जवानों को 1257.21 क्विंटल चीनी मुहैया कराने के लिए आईटीबीपी के लेटर मिला है, लेकिन फ‌र्स्ट अप्रैल से सरकार ने चीनी की सप्लाई बंद कर दी है, जिस वजह से हम जवानों को चीनी मुहैया करा पाने में असमर्थ हैं।

केएल तिवारी, डीएसओ