- आर्मी मेले के पहले दिन लिया डॉग और हॉर्स शो का आनंद

- बच्चों को दिखाई गई वार प्रैक्टिस, दांतों तले उंगली दबाई

- इंसास और मोर्टार देखकर बच्चों से लेकर बड़े तक हुए खुश

 

Meerut : सन् 1965 के युद्ध की स्वर्ण जयंति और देश की आजादी को कंबाइंडली सेलीब्रेट करने के लिए 22 डिव के सौजन्य से 17 जाट रेजीमेंट ने गुरुवार को कुलवंत सिंह स्टेडियम में आर्मी मेले का आयोजन किया। मेले का उद्घाटन 49 ब्रिगेड कमांड के ब्रिगेडियर एसके सिंह ने किया। इस मौके पर करीब 8 हजार स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। जहां बच्चों को देश ही पूरी दुनिया में फैली इंडियन आर्मी की शौर्य गाथा की जानकारी दी। आपको बता दें कि शुक्रवार को इससे भी बड़ा ग्रैंड इवेंट होने जा रहा है। जिसमें करीब 40 हजार लोगों की गैदरिंग का अनुमान लगाया जा रहा है।

 

डॉग और हॉर्स शो

आर्मी मेले के दौरान बच्चों और वहां लोगों के मनोरंजन के लिए डॉग शो और हॉर्स का आनंद लिया। डॉग शो के तहत आर्मी श्वान की कलाबाजियों और आतंकियों को पकड़ने की कला को दिखाया गया। वहीं हॉर्स शो में घोड़ों की पैरा जंपिंग को देखकर सभी तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए। करीब आठ घुड़सवारों ने पैरा जंपिंग के साथ बच्चों और वहां मौजूद अधिकारियों और सिविलियन को घोड़ों साथ बेहतरीन कोऑर्डिनेशन का मुजायरा पेश किया।

 

वॉर प्रैक्टिस और बैंड डिस्प्ले

बच्चों को सबसे अधिक वॉर प्रैक्टिस और बैंड डिस्प्ले मजा आया। वॉर प्रैक्टिस के तहत सेना के जवानों ने दिखाया कि किस तरह से दुश्मनों के किले को भेदा जाता है। साथ जब आमने-सामने की लड़ाई हो तो टैंक और मोर्टार का किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है। वहीं बैंड डिस्प्ले के पाइप और ड्रम के थ्रू डिफ्रेंट ट्यून के साथ बैंड डिस्प्ले बच्चों के बीच सबसे अधिक आकर्षण के केंद्र रहा।

 

देश की वेल डेकोरेटेड रेजीमेंट

37 बैटल ऑनर्स, 4 विक्टोरिया क्रॉस, 2 परमवीर चक्र, 2 महावीर चक्र, 2 महावीर चक्र, 5 कीर्ति चक्र और 9 सेना मेडल हासिल करने वाली 17 पुणे हॉर्स की शौर्य गाथा के बारे जितना भी कहा जाए उतना ही कम है। पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इस रेजीमेंट को फक्र-ए-हिंद का नाम का खिताब दिया है। वहीं 1998 के तत्कालिक आर्मी चीफ ने इस रेजीमेंट को 'ब्रेवईस्ट ऑफ ब्रेवरी' के अवॉर्ड से नवाजा। अगर पीछे के इतिहास में जाएं तो इसी रेजीमेंट ने पर्शियन को मात देकर उनके हैंड ऑफ गार्ड को अपने नाम कर लिया था। वहीं 17 हॉर्स जाट रेजीमेंट भी कुछ इसी तरह सहासिक कार्यो के लिए जानी जाती है। इसलिए इन्हें 'मश्को वॉरियर' के नाम से भी जाना जाता है। कारगिल वॉर के दौरान इसी रेजीमेंट के जवानों ने पाकिस्तान के वॉर डाटा से लेकर एम्यूनिशन को कैप्चर कर लिया।

 

इंसास से लेकर मोर्टार तक

वहीं बच्चों को दिखाने के लिए आर्मी की ओर से अपने आ‌र्म्स और एम्यूनिशन का डिस्प्ले किया गया। जो गन्स और टैंक्स बच्चों ने फिल्मों में ही देखे थे, उन्हें छूने और हाथों में लेने का मौका मिला। आर्मी मेले में पहली बार जेडयू 23 एमएम 2बी गन का डिस्प्ले किया गया। इस गन की ग्राउंड रेंज 2000 मीटर और स्लांट रेंज 2500 मीटर की है। इसके अलावा कई तरह के रेंज की एमएमजी, शिल्का गन, इंसास राइफल भी डिस्प्ले किए गए। वहीं टैंक्स की बात करें तो टी-72 एम-1 अजय टैंक का भी डिस्प्ले किया गया। इसकी इनडायरेक्ट रेंज 9400 मीटर है।

 

आज होगा मेगा इवेंट

ब्रिगेडियर एसके सिंह ने बताया कि अपने देश की आर्मी और आर्मी के इतिहास को जानने का इससे बेहतर और कोई मौका नहीं हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि फ्राइडे और मेगा इवेंट होगा। जिसमें उम्मीद है कि 40 हजार लोगों की गैदरिंग होगी। इस इवेंट में कोई भी आ सकता है। इसमें सभी तरह की जानकारी दी जाएगी। सुबह 8:30 बजे पब्लिक के लिए एंट्री ओपन हो जाएगी।