- आईआईटीयंस की डेवलप की गई हेलीकॉप्टर विभ्रम की डिजाइन को सेना के अधिकारियों ने सराहा

- 20 परसेंट तक ईंधन बचाएगा विभ्रम, आर्मी ने एचएएल को डिजाइन पर काम करने को कहा

KANPUR: आईआईटी स्टूडेंट्स की टीम ने अमेरिकन हेलीकॉप्टर एसोसिएशन कॉम्पटीशन के लिए जो हेलीकॉप्टर डिजाइन डेवलप की है, वह इंडियन आर्मी को भी पसंद आ गई है। जनवरी में दो बार सेना के अधिकारियों ने विभ्रम हेलीकॉप्टर की डिजाइन देखी और उसे सराहा। आर्मी ऑफिसर बोले एचएएल को आईआईटी के साथ मिलकर इस डिजाइन पर काम करना चाहिए। अहम बात यह है कि यह हेलीकॉप्टर क्0 से ख्0 परसेंट ईंधन की बचत करेगा। आईआईटीयन ने इस डिजाइन के लिए पेटेंट फाइल कर दिया है।

कई आईआईटीज ने दिया प्रजेंटेशन

आईआईटी का विभ्रम पहली बार सेना के टेक्नोलॉजी डे पर मानिकशा सेंटर में 8 जनवरी को प्रजेंट हुआ था। इस मौके पर मुंबई, दिल्ली, चेन्नई व गांधी नगर आईआईटी के एक्सपर्ट ने भी अपने-अपने प्रोडक्ट का प्रजेंटेशन दिया था। जहां पर आर्मी ऑफिसर की नजरें 'विभ्रम' पर टिक गईं। इसके बाद इसे आर्मी चीफ के रेजीडेंस पर क्ब् जनवरी को दिखाया गया। जहां पर पीएम नरेन्द्र मोदी व डिफेंस मिनिस्टर सीता रमण व सेना के उच्चाधिकारियों के सामने एक बार फिर प्रजेंटेशन दिया जाना था। इजरायल के प्रधानमंत्री का देश में आगमन की वजह से पीएम व डिफेंस मिनिस्टर विभ्रम को नहीं देख सके। स्टेट डिफेंस मिनिस्टर के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया गया। वाइस ऑर्मी चीफ ऑफिसर ने प्रशंसा करते हुए कहा कि आईआईटी व एचएएल को मिलकर विभ्रम को डेवलप करना चाहिए।

चार महीने की मेहनत

आईआईटी एयरो स्पेश इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो। अभिषेक ने बताया कि अमेरिकन हेलीकॉप्टर सोसाइटी के कॉम्पटीशन के लिए विभ्रम को डिजाइन किया गया था। सोसाइटी के कॉम्पटीशन में टास्क दिया गया था कि डिजाइन ऐसा हो जो कि ख्ब् घंटे उड़ सके। इस डिजाइन का वजन करीब 80 किलोग्राम है। राहुल रामानुजम, कार्तिक, रामदास, दीक्षा, साक्षी, विशेष, अविनाश और नव किशोर ने विभ्रम पर काम किया है। करीब चार महीने की मेहनत के बाद स्टूडेंट्स ने इसे डेवलप करने में सफलता हासिल की है। टीम के मेंटर की भूमिका प्रो। अभिषेक ने निभाई।