चेयरपर्सन के तौर पर संभालेगीं कार्यभार

अरुंधती भट्टाचार्य को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. पिछले 36 वर्षों से एसबीआइ में ही कार्यरत भट्टाचार्य अब तक मैनेजिंग डायरेक्टर व सीएफओ की जिम्मेदारी संभाल रही थीं. भट्टाचार्य ने सोमवार को चेयरपर्सन के तौर पर अपना कार्यभार भी संभाल लिया.

एक साथ कई रिकॉर्ड बनाएंगी

अरुंधती न सिर्फ 207 साल पुराने एसबीआइ की पहली महिला मुखिया हैं, बल्कि लगातार तीन वर्षों तक इस पद पर बने रहने का भी रिकॉर्ड बनाएंगी. वह बैंक की सबसे कम उम्र की प्रमुख भी बन गई हैं. इसके अलावा वह स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर की भी पदेन चेयरमैन होंगी.

रेस में सबसे आगे

अरुंधति ने प्रतीप चौधरी का स्थान ग्रहण किया है. प्रतीप 30 सितंबर को एसबीआइ के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो गए थे. पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अरुंधती की नियुक्ति को हरी झंडी दिखाई है. 57 वर्षीय भट्टाचार्य इस पद की दौड़ में सबसे आगे थीं. उन्होंने 1977 में प्रोबेशनरी ऑफीसर (पीओ) के रूप में एसबीआइ ज्वाइन किया था. अपने कार्यकाल में वह रिटेल, ट्रेजरी और कॉरपोरेट फाइनेंस सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं.

महिलाऐं बनी लीडर

हाल के वर्षों में देश के कई प्रमुख निजी व सरकारी बैंकों के मुखिया के तौर पर महिला काम कर रही हैं. निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों- एचएसबीसी (नैना लाल किदवई), आइसीआइसीआइ (चंदा कोचर) और एक्सिस बैंक (शिखा शर्मा) की मुखिया महिला हैं. इस सूची में सरकारी क्षेत्र में इलाहाबाद बैंक की चेयरपर्सन शुभलक्ष्मी पनसे, बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख वीआर अय्यर और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की सीएमडी अर्चना भार्गव शामिल हैं.

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